Mamata Banerjee News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंदन के दौरे पर थीं लेकिन वहां ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलोग कॉलेज में संबोधन के दौरान ममता बनर्जी का जमकर विरोध हुआ था। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो बयान दिया था, उसको लेकर बीजेपी उन पर हमलावर हैं। इस बीच इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि ममता बनर्जी लंदन से वापस लौट रही हैं। सियासी उथल-पुथल के बीच ममता बनर्जी के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि अपने विधायकों को अनुशासित कैसे रखा जाए।

दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी टीएमसी के करीब 100 से ज्यादा विधायक अनुपस्थित थे। इसको लकर लेकर टीएमसी ने अपने अनुपस्थित विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। 20 मार्च को विधानसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन था और टीएमसी ने 19-20 मार्च के लिए व्हिप जारी किया था लेकिन इसका असर केवल पहले ही दिन हुआ, क्योंकि 20 मार्च को टीएमसी के 100 से ज्यादा विधायक अनुपस्थित थे।

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टीएमसी में विधायकों के रवैये पर जताई चिंता

टीएमसी की लीडरशिप ने विधायकों द्वारा नियमित रूप से सत्र में भाग लेने के अनुरोधों की अनदेखी करने पर अपनी चिंता व्यक्त की। टीएमसी के ही एक नेता ने कहा है कि किसी को व्हिप की कोई परवाह ही नहीं है। इससे भी बुरी बात यह है कि जब टीएमसी विधायक दल ने 20 मार्च के उपस्थिति रजिस्टर को देखा तो पाया कि जिन विधायकों ने हस्ताक्षर किए थे, उनमें से कई सत्र में ही नहीं आए थे। पार्टी की दुर्दशा का अंदाजा देते हुए एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि ये नेता अब दावा कर रहे हैं कि वे मौजूद थे और कार्यवाही का विस्तृत विवरण भी दे रहे हैं!

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खतरे में पड़ सकती थी ममता सरकार

टीएमसी के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि 20 मार्च को मुश्किल से 60 टीएमसी विधायक मौजूद थे। हम भाग्यशाली हैं कि BJP ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया, अन्यथा, अगर वे मौजूद होते और वित्त विधेयक पर वोटिंग के लिए कहते, तो हम हार सकते थे।

बता दें कि वित्त विधेयक पारित न हो पाने को तकनीकी रूप से सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव माना जाता है। टीएमसी के चीफ व्हिप निर्मल घोष ने कथित तौर पर स्पीकर के कार्यालय से अनुपस्थित विधायकों की अंतिम सूची मांगी है। आज ममता बनर्जी के लौटने पर पार्टी के नेता उनके साथ चर्चा करने वाले है।

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बेलगाम विधायकों पर कब होगा फैसला?

पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस मामले में चीफ व्हिप से रिपोर्ट मांगी है कि व्हिप के बावजूद सत्र के आखिरी दिन बड़ी संख्या में विधायक अनुपस्थित क्यों रहे। घोष से रिपोर्ट मिलने के बाद हम पार्टी की अनुशासन समिति में इस पर चर्चा करेंगे। फिर समिति अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला करेगी।

टीएमसी के विधायकों ने क्या बताई वजह?

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईद आ रही है, और फिर बसंती पूजा और राम नवमी है। इसलिए हमें लगता है कि सीएम की सलाह मिलने के बाद नेतृत्व अप्रैल की शुरुआत में ही कोई फैसला ले सकता है। सूत्रों ने बताया कि कुछ विधायकों ने उपस्थित न होने के बारे में स्पष्टीकरण भेजा है, जिसमें उन्होंने पारिवारिक समस्याओं से लेकर पार्टी की जिम्मेदारियों और बीमारी का हवाला दिया है।

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इस मामले में अनुपस्थित उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैं कुछ पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उपस्थित नहीं हो सका और मैंने पार्टी को पहले ही इसकी सूचना दे दी थी।

बेलेघाट की विधायक ने भी दिया तर्क

बेलेघाटा विधायक परेश पॉल ने कहा है कि मैं गंभीर रूप से बीमार हूं और बिस्तर पर पड़ा हूं। मेरी पार्टी में हर कोई यह जानता है। मैं पूरे बजट सत्र में भाग नहीं ले सका। सीताई की नवनिर्वाचित विधायक संगीता बसुनिया ने कहा कि मैं 16 मार्च को सत्र के लिए जा रही थी, लेकिन कूचबिहार मंच पर गिर गई और मुझे घर लौटना पड़ा।

टीएमसी विधायक ने कहा है कि फिर 19 मार्च को मेरी पंचायत समिति की बैठक थी, जहां मैं सभापति हुआ करती थी। समिति को नए सभापति का चुनाव करना था। इसलिए मैंने विधानसभा न जाने का फैसला किया। अगर पार्टी पूछेगी, तो मैं उन्हें बता दूंगी।

टीएमसी इस्तेमाल करती है दो रजिस्टर

हालांकि पार्टी ने यह सब सुना होगा। सितंबर 2023 में, अनुपस्थित विधायकों की इसी तरह की स्थिति का सामना करते हुए टीएमसी ने अटेंडेंस रजिस्टर रखना शुरू कर दिया था। इसमें से एक संसदीय कार्य मंत्री के कार्यालय में और दूसरा मुख्य सचेतक के कमरे में होता।

इतना ही नहीं, इसने यह भी घोषणा की थी कि ममता को साप्ताहिक उपस्थिति रिपोर्ट भेजी जाएगी। बीजेपी ने इस कदम का मज़ाक उड़ाया था और इसे अपने विधायकों की वफादारी के बारे में टीएमसी के पागलपन का सबूत बताया था।

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