नई दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक को लेकर विपक्षी एकता पूरी तरह से बिखरी हुई नजर आ रही है। जहां बैठक को लेकर इंडिया गठबंधन ने बहिष्कार करने का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष के दो मुख्यमंत्री इसमें शामिल होने वाले हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्ष के तौर पर बैठक में शामिल होने को तैयार हैं।

नीति आयोग की इस बैठक को लेकर ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि इंडिया गठबंधन में समन्वय नहीं है। गठबंधन सभी दलों को जोड़कर नहीं चल पा रहा है। हालांकि ममता ने इस बात पर जोर दिया कि वह बैठक में अपनी आवाज विपक्ष के तौर पर मुखर करेंगी। उन्होंने कहा कि वो मीटिंग में भाग लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली पहुंची तो पता चला की इंडिया गठबंधन ने इस बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

योजना आयोग को फिर से शुरू करने की ममता ने की वकालत

ममता बनर्जी इस आयोग की ही खत्म करके फिर से योजना आयोग को शुरू करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि सरकार को गूढ़ जानकारी देने वाला यह थिंक टैक पूरी तरह से खोखला और शक्तिहीन है। ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि हाल ही में पेश हुए बजट में केवल बिहार और आंध्र प्रदेश को लेकर घोषणाएं की गईं जबकि बंगाल को कुछ नहीं मिला। ऐसे में भेदभाद सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बैठक में यदि उन्हें बोलने का मौका मिला तो वह विपक्ष के तौर अपनी बात रखेंगी। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद नीति आयोग की ये पहली बैठक हो रही है।

बजट में भेदभाद का आरोप

वहीं ममता बनर्जी के साथ इस बैठक में विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री के तौर पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन शामिल होंगे। कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीएमसी को मनाने की कोशिश हुई है। इससे पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, तेलंगाना के रेवंत रड्डी, कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल के सुखविंदर सिंह सुखू ने केंद्र सरकार पर बजट में भेदभाद का आरोप लगाया है। इसके साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी बैठक में भाग नहीं लेंगे। हालांकि राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल इस बैठक में शामिल होंगे।