मालेगांव विस्फोट की आरोपी और भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर भाजपा सांसद ने मुंबई हमले के वक्त शहीद होने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया है।
भोपाल के समीप सीहोर में आपातकाल की बरसी पर हुए कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच करने वाले करकरे ने पूछताछ के दौरान उनके शिक्षक को प्रताड़ित किया था। समारोह को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि वर्ष 2008 में उन्हें एक झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब आपातकाल जैसी स्थिति थी। उन्होंने आरोप लगाया कि करकरे ने अपनी जांच के दौरान उनके शिक्षक की उंगलियां तोड़ दी थीं।
#WATCH | BJP MP Pragya Thakur says, “An Emergency was imposed in 1975 & an Emergency-like situation had formed in 2008 when Sadhvi Pragya Singh Thakur was jailed in Malegaon blast case…People call Hemant Karkare a patriot, but those who are real patriots don’t call him one…” pic.twitter.com/UgplzFd1d7
— ANI (@ANI) June 25, 2021
उन्होंने कहा कि करकरे को लोग देशभक्त कहते हैं, लेकिन जो वास्तव में देशभक्त हैं वह उनको देशभक्त नहीं कहते। ठाकुर ने कहा, ‘”झूठे मामले को गढ़ने और झूठे सबूत जमा करने के लिए ऐसा किया गया।” प्रज्ञा ने दावा किया कि सच्चे देशभक्त महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी करकरे को देशभक्त नहीं कहते हैं।
मालूम हो कि करकरे वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे। भाजपा सांसद के इस बयान पर यूजर्स ने भी अपनी प्रतिकृया दी है। पत्रकार संजुक्ता बसु ने लिखा “क्या उसने कथित तौर पर मोटरसाइकिल या स्कूटर में बम नहीं लगाया था? वह अभी भी जमानत पर है और आतंकवाद की आरोपी है।”
नीतीश नाम के एक यूजर ने लिखा “प्रज्ञा को शर्म नहीं आती, एक शहीद के बारे में ऐसी बकवास करते हुए। इनको एक बार फिर टेसश्री या चौथी डिग्री देने की जरूरत है।” एक यूजर ने लिखा “ये ऐसे ही शहीदों को बदनाम करती है और इनकी पार्टी लोगों को देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटती है।
बता दें साल 2019 में भी प्रज्ञा ने अपने एक बयान में कथित तौर पर कहा था कि करकरे ने हिरासत में उनके साथ बुरा व्यवहार किया था इसके लिए उन्होंने उन्हें श्राप दिया था, इसलिए करकरे की मृत्यु हो गई। बाद में इस टिप्पणी की आलोचना होने पर प्रज्ञा ने माफी मांग ली थी।