जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में रविवार (5 जनवरी, 2019) को छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले के बाद महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने दिल्ली पुलिस की भूमिका सवाल उठाए हैं। सोमवार को एक ट्वीट में उन्होंने दिल्ली पुलिस पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस जब आप ड्यूटी पर हों तब कृपा कर बापू के तीन बंदर मत बनिए।’ एक ट्वीट में तुषार गांधी ने 5 अप्रैल, 1930 को दांडी मार्च के दौरान महात्मा गांधी द्वारा कही एक बात का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं अधिकार की इस लड़ाई के पराक्रम में विश्व समुदाय की सहानुभूति चाहता हूं।’

हिंदी में किए एक अन्य ट्वीट में गांधी के पड़पोते लिखते हैं, ‘बापू की लाठी, सहारा। पीली चड्डीवालों की लाठी आतंक। पुलिस की लाठी दमन।’ इसकी तरह एक के बाद एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘लाठी किन के गणवेश का हिस्सा है? पुलिस और पीली चड्डीवाले। जब सरकार आतताई बन जाए तो जान लो वो गलत है।’ एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि वो जेएनयू के देशभक्त छात्रों के साथ हैं। इंकलाब जिंदाबाद

तुषार गांधी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर्स ट्वीट करते हुए लिखा कि प्लीज महात्मा गांधी को जिंदगी में वापस लाइए। सत्याग्रह शुरू कीजिए। ट्वीट में आगे लिखा गया कि दुनिया को बता दीजिए, भारत का आइडिया ऑफ इंडिया यानी भारत का विचार यहां है। कामयाब और सफल होइए। आपकी पहल आंदोलन को गति देगी। ट्विटर यूजर नीरज शाह लिखते हैं, ‘मैं आपके साथ हूं। बताइए क्या करना है।’

उल्लेखनीय है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गई थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष सहित 28 लोग घायल हो गए। इस बीच पुलिस को बुलाना पड़ा था। हालांकि शिक्षकों का आरोप है कि पुलिस समय पर नहीं पहुंची।

इसी बीच जेएनयू हिंसा मामले की जांच को दिल्ली पुलिस ने अपनी अपराध शाखा को सौंप दिया है। वहीं विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और उन्हें परिसर की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया।