महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आरे मेट्रो कार परियोजना का स्थान बदलने की घोषणा करते हुए इसे कांजूरमार्ग स्थानांतरित करने की बात कही। ठाकरे ने डिजिटल कॉन्फ्रेंस में कहा कि परियोजना को कांजूरमार्ग में सरकारी भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा और इस काम में कोई खर्च नहीं आएगा। उन्होंने कहा, ”भूमि शून्य दर पर उपलब्ध कराई जाएगी।” ठाकरे ने कहा कि आरे जंगल के तहत आने वाली भूमि का इस्तेमाल दूसरे जन कार्यों के लिए किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 100 करोड़ रुये खर्च हुए हैं, जो बर्बाद नहीं जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकार ने बताया था कि आरे वन भूमि 600 एकड़ है , लेकिन अब इसमें संशोधन कर बताया जाता है कि यह 800 एकड़ है। आरे वन में आदिवासियों के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल आम लोगों और पर्यावरणविदों ने आरे परियोजना और इस इलाके में पेड़ों की कटाई का विरोध किया था, जिसके बाद अब यह फैसला लिया गया है।

उद्धव सरकार ने आरे में कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पिछले साल दर्ज केस भी वापस लेने का ऐलान किया है। बता दें कि पिछले साल जब देवेंद्र फडणवीस की सरकार थी, तो आरे में मेट्रो शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई का जमकर विरोध हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पेड़ों की कटाई को तुरंत रोकने का निर्देश दिया था।

सीएम पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही उद्धव सरकार ने पर्यावरण कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की घोषणा कर दी थी और आरे में बनने वाले मेट्रो शेड प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी।

इस दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने 29.5 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है। नए कृषि कानून को लेकर ठाकरे ने कहा कि अभी उनकी सरकार इस कानून पर कृषि विशेषज्ञों के साथ मिलकर मंथन कर रही है। अगर यह कानून किसानों के हित में नहीं होगा तो इसे लागू नहीं किया जाएगा और अगर यह किसानों के हित में है तो इसे स्वीकार किया जाएगा।

सीएम ने लोगों से अभी कोरोना संक्रमण को लेकर अभी भी सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि लोगों को अभी भी मास्क पहनने और दो गज की दूरी बरतने की जरूरत है।