केंद्र सरकार की तरफ से मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने की राशि के विरोध में आधा दर्जन से अधिक राज्य आगे आए हैं। इसमें भाजपा शासित 3 राज्यों समेत 7 राज्य भी शामिल हैं। भाजपा शासित राज्यों में गुजरात के बाद महाराष्ट्र और गोवा का नाम भी जुड़ गया है।

ये राज्य केंद्र सरकार की तरफ से प्रस्तावित भारी जुर्माने की राशि को कम करने के पक्ष में हैं। वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले में कानूनी राय मांगी है। गुजरात और उत्तराखंड पहले ही जुर्माने की राशि में कमी की घोषणा कर चुके हैं। बुधवार को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावटे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जुर्माने की भारी रकम पर फिर से विचार करने को कहा।

केंद्रीय  सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में रावटे ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह संशोधन सराहनीय है। लेकिन जुर्माने की राशि को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। इससे जनता में आक्रोश है। केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह इस पर पुनर्विचार करे और केंद्रीय कानून में उपयुक्त संशोधन कर इस जुर्माने की राशि को घटाए।

मालूम हो कि महाराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री रावटे भाजपा के सहयोगी शिवसेना के विधायक और नेता हैं। दूसरी तरफ गोवा के परिवहन मंत्री ने भारी जुर्माने की राशि को सड़कों की मौजूदा हालत से जोड़ दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस कानून का पक्ष लेते हुए इसे जिंदगियों को बचाने वाला बताया है।

परिवहन मंत्री मॉविन गोडिन्हो ने कहा कि भाजपा शासित सरकार पहले सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत कराए। इसके बाद जनवरी से बढ़ी हुई जुर्माने की राशि को वसूले। गोडिन्हो ने कहा कि यह राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि संशोधित नियमों को लागू कराने से पहले लोगों को बेहतरीन सड़कें उपलब्ध कराए।

परिवहन मंत्री ने पणजी में कहा कि राज्य सरकार का इरादा इस साल दिसंबर तक सभी सड़कों की मरम्मत कराना है। इसके बाद जनवरी से संशोधित जुर्माने की राशि को वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुछ उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की राशि को कम करेगी।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में भारी जुर्माने के नियम वाले कानून को लागू नहीं करेंगी। उन्होंने इस कानून को सख्त बताते हुए इसे आम लोगों पर बोझ बताया था। दूसरी तरफ वाम शासन वाले केरल ने कहा था कि ओणम के सीजन को देखते हुए सरकार बढ़े हुए जुर्माने को लागू करने पर आराम से ही निर्णय लेगी।