शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा कि एक साल पहले शिवसेना (UBT) का उपनेता नियुक्त किए जाने के बावजूद उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई।
चार से नहीं दी गयी थी कोई जिम्मेदारी
शिशिर शिंदे का आरोप है कि 6 महीने से उद्धव ठाकरे उनसे मिल भी नहीं रहे थे। तमाम कोशिशों के बाद भी पार्टी अध्यक्ष से मिलना असंभव हो गया था। वहीं, उनका यह भी कहना था कि मन का काम करने के लिए नहीं मिल रहा था। शिशिर शिंदे ने उद्धव ठाकरे को जो पत्र सौंपा, उसमें लिखा कि चार से तक से उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, फिर उन्हें अलंकारिक पद दिया गया जिसके चलते उनके चार साल बरबाद हो गए।
1991 में वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद दी थी
शिवसेना के तेजतर्रार नेता शिंदे 1991 में चर्चा में आए थे जब उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भारत-पाकिस्तान मैच रोकने के लिए मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद दी थी।
राज ठाकरे के शिवसेना छोड़ने के बाद शिशिर शिंदे ने उनका समर्थन किया और शिवसेना छोड़ दी। फिर 19 जून 2018 को शिशिर शिंदे फिर से शिवसेना में शामिल हो गए। शिशिर शिंदे 2009 में भांडुप विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2014 में हुए चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2018 में वह शिवसेना में लौट आए थे।
उद्धव के मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने बाद ही शुरू हो गई थी बगावत की साजिश
शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक ने दावा किया है कि नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लगभग 6 महीने बाद शिवसेना में विद्रोह की साजिश शुरू हो गयी थी। अकोला जिले से विधायक नितिन देशमुख ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह दावा झूठा है कि उन्होंने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया। नितिन देशमुख ने दावा किया कि जून 2022 में विद्रोह से एक महीने पहले, शिंदे ने मुझसे कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे और फडणवीस केवल यह जानते हैं कि सरकार को कैसे गिराना है। केवल शिंदे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही जानते थे कि कौन मुख्यमंत्री बनने जा रहा है।
विधायक नितिन देशमुख एक अन्य विधायक कैलाश पाटिल पार्टी के नेता आदेश बांदेकर को दिए एक साक्षात्कार में बोल रहे थे। पार्टी के यूट्यूब चैनल पर यह पॉडकास्ट जारी किया गया है। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। जिसके बाद 30 जून, 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।