महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव करीब एक साल दूर हैं। हालांकि राजनीतिक दलों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। वहीं इस बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने एक बहस छेड़ दी जब उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजीत पवार की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा एक सपना बनकर रह जाएगी। शरद पवार ने कहा कि यह एक सपना है जो अधूरा रहेगा।

शरद पवार की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उनकी बेटी और एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, “अगर अजित पवार सीएम बनते हैं, तो उनकी बहन होने के नाते मैं उन्हें माला पहनाने वाली पहली व्यक्ति होंगी।” जब मीडिया ने इस टिप्पणी को शरद पवार के सामने उठाया तो उन्होंने टिप्पणी की। शरद पवार गुट के पॉलिटिकल मैनेजर इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं कि अगर उन्होंने कुछ संकेत दिया है, तो कोई कारण होगा। यह उनके भतीजे के खिलाफ गुस्से के कारण नहीं है।

पिछले कुछ दिनों में तीनों सत्ताधारी पार्टियों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर अलग-अलग बयान दिए हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व पर जोर दे रहे हैं। कुछ दिन पहले पार्टी विधायक संजय शिरसाट ने शिंदे को लेकर कहा था, “उनकी विशाल क्षमता और अनुभव को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को केंद्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को शिंदे के नेतृत्व पर छोड़ा जा सकता है। शिवसेना इस प्रतिष्ठित पद के लिए दावेदारी करने वाली एकमात्र पार्टी नहीं है। अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के धर्मरावबाबा अत्राम ने पिछले सप्ताह कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है। अजित पवार अगले सीएम बनेंगे।’

बीजेपी ने सीएम पद को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर बढ़ती दावेदारी को स्वाभाविक बताकर खारिज कर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को कहा, ”हर पार्टी सीएम पद के लिए अपना नेतृत्व पेश करने के लिए बाध्य है। अंतिम निर्णय 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।”

शरद पवार की टिप्पणी पर बावनकुले ने कहा, “किसी को भी अजीत पवार को कम नहीं आंकना चाहिए। कोई भी उन्हें ख़ारिज कर रहा है या उनकी योग्यता पर सवाल उठा रहा है, वह गलती कर रहा है।” 2 जुलाई को अजित पवार 40 एनसीपी विधायकों के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हुए और उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। भाजपा के राजनीतिक रणनीतिकारों के अनुसार जब एकनाथ शिंदे सरकार बनाने के लिए 40 शिवसेना बागियों के साथ भाजपा में शामिल हुए, तो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें सीएम पद का वादा किया था। ऐसी ही चर्चा अजित पवार से भी हुई है।

अगस्त 2023 में पुणे में एक समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ”अजित पवार अब आप सही जगह पर आये हैं। लेकिन आप थोड़ा देर से आये।” कई लोगों का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2024 के चुनावों के बाद अजित पवार को इनाम दे सकता है। हालांकि ऐसा तभी संभव है जब लोकसभा चुनावों में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करे।

भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “राजनीति में सब कुछ आपसी विश्वास पर चलता है। अगर अजित पवार ईमानदार रहते हैं और अपनी क्षमता साबित करते हैं, तो भाजपा निश्चित रूप से उन्हें 2024 के चुनावों के बाद सीएम बनाएगी।” खुद देवेंद्र फडणवीस पहले ही संकेत दे चुके हैं कि अजित पवार पूरे पांच साल के लिए सीएम बनेंगे।

एनसीपी के वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने कहा, ”अजित पवार के सीएम बनने के सपने को पूरा करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। चूंकि सुप्रिया सुले ने उन्हें माला पहनाने की इच्छा व्यक्त की है, इसलिए हमें उनकी इच्छा पूरी करनी होगी।”