Maratha Protest: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शनिवार को शरद पवार पर कड़ा प्रहार किया। शिंदे की पार्टी ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष मराठा समुदाय के घावों पर नमक छिड़क रहे हैं साथ ही आंदोलन को बढ़ावा दे रहे हैं। जिसने जलाना में हिंसक रूप ले लिया।

शिवसेना प्रवक्ता संजीव भोर ने शनिवार को जालना में पुलिस लाठीचार्ज के बाद घायल प्रदर्शनकारियों से मुलाकात के बाद कहा, ‘शरद पवार ने हमेशा मराठा समुदाय के मुद्दों का राजनीतिकरण किया है। उनकी वजह से आरक्षण की स्थिति लटक गयी थी। अगर पवार वास्तव में चाहते और निर्णय लेते, तो वह मंडल आयोग के माध्यम से आरक्षण दे सकते थे।’

भोर ने कहा कि इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह से आरक्षण की मांग की गई थी। हालांकि, शरद पवार के इनकार के कारण ही मराठा आरक्षण लालफीताशाही में फंस गया। अब जब वे सत्ता में नहीं हैं तो पवार निराशा की स्थिति में हैं।

भोर ने कहा कि विपक्ष का मराठा समुदाय का अपमान करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सामना के मुखपत्र में उद्धव ठाकरे और अंबादास दानवे ने किसिंग मोर्चा कहा था। दानवे ने उन कार्यकर्ताओं को लात मारी जो मराठा आरक्षण की मांग कर रहे थे। इतना ही नहीं, जब अशोक चव्हाण (कांग्रेस के) मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने आरक्षण की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज कराया। संजीव भोर ने आगे कहा कि शरद पवार ने इस पर एक भी शब्द नहीं बोला। जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तो मराठा आरक्षण मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया गया था।’

शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे की कोशिशों की वजह से मराठा समाज की कई समस्याएं हमेशा के लिए हल हो गई हैं, चाहे वह महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) के लिए मराठा उम्मीदवारों की भर्ती का मुद्दा हो या अन्य। उन्होंने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे हमेशा मराठा आरक्षण के समर्थक रहे हैं। स्वयं मराठा होने के कारण स्वाभाविक रूप से उनके मन में इस समुदाय के प्रति स्नेह है। मराठा समुदाय में भी उन्हें लेकर सकारात्मक भावनाएं हैं। हमारे सीएम ने पीड़ितों की दवा और इलाज के खर्च का जिम्मा लिया है।