राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) के इस्तीफे के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि एनसीपी में जो कुछ भी चल रहा है, उसका असर महाविकास आघाड़ी गठबंधन (MVA) पर नहीं पड़ेगा। इससे पहले शरद पवार ने बुधवार को साफ किया कि वह अपना फैसला नहीं बदलेंगे। पवार ने कहा कि उन्होंने फैसला ले लिया है और पार्टी कार्यकर्ताओं को सूचित किया कि उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए गठित समिति 5 मई 2023 तक निर्णय लेगी।
मैं पीएम मोदी के खिलाफ नहीं लेकिन…
एकजुट विपक्ष की बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि तानाशाही के खिलाफ ताकतों को साथ आने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होने कहा, “विपक्ष को विपक्ष शब्द से परे जाना चाहिए और तानाशाही के खिलाफ एक ताकत बनना चाहिए। मैं पीएम मोदी के खिलाफ नहीं हूं, मैं तानाशाही के खिलाफ हूं।”
कांग्रेस और उद्धव सेना दोनों ने जोर देकर कहा है कि शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले से महाराष्ट्र में गठबंधन प्रभावित नहीं होगा, उन्हें उम्मीद है कि एनसीपी उस गठबंधन के साथ रहेगी जिसने 2019 में सरकार बनाई और 2022 तक सत्ता में रही।
शरद पवार ने उनका इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे कार्यकर्ताओं से कहा, “आप शिकायत कर रहे हैं कि मैंने घोषणा करने से पहले किसी के साथ इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। अगर मैंने किसी से इस बारे में बात की होती तो मुझे नकारात्मक जवाब मिलता। उन लोगों के साथ इस मामले पर चर्चा करने का क्या फायदा है जो वैसे भी ना कहने वाले हैं?” पवार एनसीपी कार्यकर्ताओं से बुधवार दोपहर को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में मिले थे।
‘सीएम के तौर पर मैंने जो किया दुनिया ने देखा’
अपनी आत्मकथा में शरद पवार के इस बयान का जवाब देते हुए कि उद्धव कमजोर थे और अपनी पार्टी के अंदर की समस्याओं को शांत नहीं कर सके और बिना लड़े ही इस्तीफा दे दिया, उद्धव ने कहा, “दुनिया ने देखा कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में क्या किया।”
Sharad Pawar Resigns: शरद पवार के इस्तीफे के बाद बड़ी उथल पुथल, क्या होगा आगे | VIDEO
चुनावी कर्नाटक में ‘बजरंग’ को मुद्दा बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा, ‘मैं कर्नाटक में मराठी भाषी लोगों से ‘जय भवानी,’ जय शिवाजी’ कहने का आग्रह करूंगा।