अगले कुछ महीनों में महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसको लेकर रणनीति बनाने और जनता को अपने पक्ष में करने के लिए युद्धस्तर पर चर्चाएं और बैठकें भी शुरू हो गई हैं। सबसे महत्वपूर्ण योजना महिलाओं के लिए मासिक नकद आय योजना है। अलग-अलग नामों से कई दल इस योजना को विभिन्न राज्यों में चला रहे हैं। महिलाओं को हर महीने कुछ रुपये नगद मिलने से जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

लोकसभा चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे की सरकार ने शुरू की थी योजना

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार ने इस योजना को ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ योजना नाम से शुरू किया है। योजना की शुरुआत लोकसभा चुनावों में महायुति को अच्छी संख्या में सीटें नहीं मिलने पर शुरू गई है। इस योजना के तहत हर महीने 15 सौ रुपये दिये जाने का फैसला किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इसका लाभ विधानसभा चुनावों में जरूर मिलेगा।

अब कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिव सेना (यूबीटी) की इंडी गठबंधन भी ऐसी ही योजना बनाने जा रही है। गठबंधन ने तय किया है कि सत्ता में आने पर वह इससे ज्यादा रकम महिलाओं के एकाउंट में देगी। गठबंधन के नेताओं को पूरी उम्मीद है कि इससे महिलाएं अपना समर्थन उन्हें देंगी।

इस तरह की योजना की वजह से ही मध्य प्रदेश में बीजेपी को लोकसभा चुनावों में भारी सफलता मिली है। मध्य प्रदेश में इस योजना की शुरुआत केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। उन्होंने इस योजना का नाम लाडली बहन योजना रखा था। इस तरह की योजनाएं एक सफल रणनीति हैं और जनता का समर्थन भी मिलता है। हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस रणनीति का उपयोग हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में किया और तीनों राज्यों में उसे सत्ता मिली।

अब चुनावों में सभी दलों की रणनीति महिलाओं पर ज्यादा केंद्रित है। वह ऐसी योजनाओं को ऐलान कर रहे हैं, जिससे महिलाओं के समर्थन को पाने की संभावना ज्यादा हो। आर्थिक मदद योजना इसमें बड़ा कारगर है।