Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक सरगर्मी के बीच रविवार को एक बड़ा वाकया उस वक्त सामने आया, जब एक भाजपा नेता के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार की जन सम्मान यात्रा में काले झंडे दिखाए। भाजपा की जुन्नार प्रमुख आशा बुचाके के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं के एक गुट ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जन सम्मान यात्रा के वहां पहुंचने पर उन्हें काले झंडे दिखाए। जिसके बाद अजित गुट ने भाजपा से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि क्या वो बीजेपी कार्यकर्तओं के इस तरह के व्यवहार सहमत हैं।

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या वह अपने भाजपा कार्यकर्ताओं के व्यवहार से सहमत हैं ।

आशा बुचाके ने दावा किया कि एनसीपी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जुन्नार सीट पर अपने उम्मीदवार को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “वे हमारा गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं… इसलिए हमने आक्रामक रुख अपनाया है, जबकि भाजपा प्रदर्शनकारियों ने अजित पवार के खिलाफ नारे लगाए।

उन्होंने कहा कि रविवार को जुन्नार में पर्यटन विकास पर एक सरकारी बैठक आयोजित की गई थी। हालांकि, भाजपा को बैठक के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया। अगर हम महायुति का हिस्सा हैं, तो बैठक हॉल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीरें क्यों नहीं लगाई गईं?”

जुन्नार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व एनसीपी विधायक अतुल बेनके करते हैं। भाजपा खेमे ने आरोप लगाया है कि पवार बेनके को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “एनसीपी जुन्नार में अतुल बेनके के रूप में एक और ‘पप्पू’ को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।”

बुचाके ने जिला संरक्षक मंत्री के तौर पर पवार के आचरण की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “वह एनसीपी के गठबंधन सहयोगी की अनदेखी करते हुए प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं।” विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के बाद, बुचाके को उच्च रक्तचाप के कारण स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बुचाके पहले शिवसेना में थीं और दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। पूर्व जिला परिषद सदस्य, अब वह जुन्नार से विधानसभा चुनाव टिकट की उम्मीद कर रही हैं।

इस बीच, एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने कहा, “जन सम्मान यात्रा हमारी पार्टी का एक स्वतंत्र कार्यक्रम है। जो लोग काले झंडे दिखा रहे हैं, उन्हें अलग से कार्यक्रम करना चाहिए… हम उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं के इस व्यवहार के बारे में स्पष्टीकरण मांग रहे हैं।”

राज्य राकांपा प्रवक्ता सुनील तटकरे ने कहा, ‘अगर कोई महायुति की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है तो उन्हें चेतावनी दी जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद कई जिलों में अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं। उस समय महायुति के अन्य घटक दल कोई आपत्ति नहीं करते। फिर, जुन्नार में भाजपा कार्यकर्ता और नेता क्यों विरोध कर रहे हैं? उन्हें आपत्ति क्यों होनी चाहिए? मैं आशा बुचाके ने जो कहा, उसका जवाब नहीं देना चाहता। मैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से बात करने जा रहा हूं।”

एनसीपी की राज्य महिला प्रमुख रूपाली चाकनकर ने कहा, “काले झंडे दिखाने के बजाय, अगर आशा बुचाके ने अजित पवार से मुलाकात की होती और उनसे बात की होती, तो वह उनकी बात सुनते। काले झंडे दिखाकर, वह एक राजनीतिक स्टंट करने की कोशिश कर रही हैं।”

एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने कहा, “यह बीजेपी की नीति है। वे लोकप्रिय नेता को अपने साथ मिलाने के लिए मजबूर करते हैं और फिर उसे कमज़ोर करने की कोशिश करते हैं।” मावल और इंदापुर विधानसभा सीटों पर एनसीपी और बीजेपी के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं। दोनों जगहों पर, जहां एनसीपी के विधायक हैं, बीजेपी कार्यकर्ता उनके खिलाफ हैं और अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं।

(मनोज दत्तात्रेय की रिपोर्ट)