महाराष्ट्र में भाजपा ने एनसीपी नेता अजित पवार के समर्थन से सरकार बना ली है, लेकिन शरद पवार ने भी भाजपा की इस रणनीति का करारा जवाब देते हुए अपने अधिकतर विधायकों को वापस अपने पाले में खींच लिया है और भाजपा सरकार के सामने बहुमत साबित करने का संकट खड़ा कर दिया है। अब शरद पवार द्वारा अजित पवार को भी अपने पाले में करने की कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि अभी तक अजित पवार नहीं माने हैं और वह अभी भी भाजपा के साथ गठबंधन में बने रहने की बात कर रहे हैं।

हालांकि आज किए अपने ट्वीट में अजित पवार ने यह स्वीकार किया कि वह अभी भी एनसीपी में ही हैं और शरद पवार ही उनके नेता हैं, लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा के साथ गठबंधन में स्थायी सरकार देने की बात भी कही। महाराष्ट्र में जारी खींचतान को लेकर आज तक न्यूज चैनल पर एक कार्यक्रम प्रसारित हुआ। इस दौरान एंकर ने कार्यक्रम में मौजूद पैनलिस्ट और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष से अजित पवार के संभावित आगामी कदम के बारे में पूछा।

इस पर आशुतोष ने कहा शरद पवार अपने लोगों को भेजकर अजित पवार को वापस आने के लिए कह रहे हैं, लेकिन अजित पवार अब शायद अपने कदम वापस नहीं खीचेंगे, क्योंकि यदि वह शरद पवार खेमे में वापस जाते हैं तो उनका पार्टी में पहले जैसा कद नहीं रहेगा। इस पर कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि शरद पवार अगर अपने नंबर्स के प्रति श्योर हैं तो वह अजित पवार को पार्टी से बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे हैं और बार-बार लोगों को भेजकर क्यों उन्हें वापस आने के लिए कह रहे हैं?

इसका जवाब देते हुए आशुतोष ने कहा कि शरद पवार, अजित पवार को वापस बुलाकर भाजपा को संदेश देना चाहते हैं कि आपने अजित पवार को तोड़ा, लेकिन वो भी हमारे साथ आ गए हैं। इसके अलावा घर का मामला हो सकता है क्योंकि शरद पवार घर के सबसे बड़े सदस्य होने के नाते चाहते हैं कि अंतिम समय तक यह संदेश ना जाए कि उनकी वजह से पार्टी में फूट है! आशुतोष ने कहा कि पुत्र मोह या पुत्री मोह हमारे देश की परंपरा का हिस्सा रहा है।