महाराष्ट्र से असम पहुंचे शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी के लग्जरी होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे हुए हैं। बुधवार को असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे। वहीं टीएमसी नेता व कार्यकर्ताओं ने रेडिसन ब्लू होटल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। जिसकी अगुवाई पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने किया।

बता दें कि गुवाहाटी में रेडिसन ब्लू होटल के बाहर प्रदर्शन में शामिल एक टीएमसी कार्यकर्ता ने कहा कि असम में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के कारण पीड़ित हैं लेकिन राज्य के सीएम महाराष्ट्र सरकार को गिराने में व्यस्त हैं।

दरअसल बागी विधायकों को गुजरात और फिर असम में रखे जाने को लेकर विपक्ष का आरोप है कि महाराष्ट्र में हो रहे सियासी खेल में भाजपा का ही हाथ है। वहीं इन आरोपों के बीच असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे। इससे विपक्ष के आरोपों को और बल मिल रहा है।

इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है और भाजपा सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद की जगह विधायकों को असम ले जा रही है। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, “लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा भाजपा पैसे का विभत्स खेल, खेल रही है। बाढ़ग्रस्त असम को उसकी हालत पर छोड़ भाजपा सरकार विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई है।”

बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी भागीदार हैं। इस सरकार को ढाई साल से अधिक का समय हो चुका है। ऐसे में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास शिवसेना के 40 से अधिक विधायक हैं, जो उद्धव ठाकरे सरकार से नाराज हैं। उन्होंने दावा किया है कि शिवसेना के विधायकों के अलावा उनके पास कुल 50 से अधिक विधायकों का समर्थन है।

बागी नेताओं का सामने आया पत्र: इस पूरे घटनाक्रम के बीच शिवेसना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक पत्र साझा किया है जिसमें बागी विधायकों ने उद्धव ठाकरे के सामने अपनी बातें रखी हैं। पत्र में लिखा गया है कि हम सीएम के आस-पास के लोगों को फोन करते हैं लेकिन वे कभी हमारे कॉल्स नहीं उठाते थे। हम इन सब बातों से तंग आ चुके थे। इसके बाद ही एकनाथ शिंदे को यह कदम उठाने के लिए राजी किया।

पत्र में कहा गया है कि जब हिंदुत्व और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका। आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान विधायकों को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया।