महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार का गठन हुए 11 दिन बीत चुके हैं। हालांकि अभी तक सरकार में मंत्री पदों का बंटवारा नहीं हो सका है। सीएम उद्धव ठाकरे के साथ 6 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन अभी तक उन्हें भी कोई पोर्टफोलियो नहीं दिया गया है। इसी बीच एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद पर अपना दावा ठोक दिया है। दरअसल अजित पवार ने सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र बारामती का दौरा किया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि “पार्टी कार्यकर्ता उन्हें डिप्टी सीएम बनते देखना चाहते हैं।” हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ही करेंगे।
बता दें कि रविवार को पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार की महाराष्ट्र के सोलापुर में एक शादी समारोह में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं की सीटें आसपास लगी थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी देर बातचीत हुई। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। गौरतलब है कि अजित पवार ने डिप्टी सीएम बनाए जाने का दावा भी इस मुलाकात के बाद सोमवार को किया है। हालांकि मीडिया से बातचीत में अजित पवार ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात में राजनीति को लेकर कोई बात नहीं हुई और सिर्फ ‘हवा-पानी’ (मौसम) संबंधी बातें ही हुईं।
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के समर्थन से ही महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनायी थी। इस सरकार में अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया था। हालांकि यह सरकार सिर्फ 80 घंटे टिक सकी और आखिरकार फडणवीस को सीएम और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सूत्रों के अनुसार, एनसीपी में एक गुट उभर रहा है, जो अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाए जाने के पक्ष में है। लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष शरद पवार अभी अजित पवार को चार्ज सौंपने में हिचक रहे हैं।
वहीं एनसीपी के कई वरिष्ठ नेता भी अजित पवार को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दिए जाने के समर्थन में हैं। इन नेताओं में नवाब मलिक और छगन भुजबल जैसे बड़े नेता शामिल हैं। हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। फडणवीस ने कहा कि तीनों पार्टियों ने जनादेश का अपमान कर सरकार बनायी है और यह लंबी नहीं चल पाएगी।