Maharashtra Polls: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के एक आरोपी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थाम लिया। गौरी लंकेश की 2017 में हत्या कर दी गई थी।
श्रीकांत पंगारकर, जिन्हें अगस्त 2018 में लंकेश मामले में गिरफ़्तार किया गया था। उनको पिछले महीने कर्नाटक हाई कोर्ट ने ज़मानत दे दी थी । वह 2018 के नालासोपारा हथियार बरामदगी मामले में भी आरोपी है, जिसमें उन्हें पहले ज़मानत मिल चुकी है। दोनों मामलों में अभी सुनवाई चल रही है।
शुक्रवार को पंगारकर पार्टी नेता और पूर्व राज्य मंत्री अर्जुन खोतकर की मौजूदगी में शिंदे सेना में शामिल हो गए। अर्जुन खोतकर ने कहा कि उन्हें (पंगारकर को) जालना विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के चुनाव अभियान का प्रभार सौंपा गया है।
श्रीकांत पंगारकर को मिली जलाना प्रचार की जिम्मेदारी
खोतकर, जिनके विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पंगरकर पूर्व शिव सैनिक हैं और पार्टी में वापस आ गए हैं। उन्हें जालना विधानसभा चुनाव अभियान की जिम्मेदारी दी गई है… वे पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें अदालत ने रिहा कर दिया है और न्यायिक कार्यवाही पूरी करने के बाद वे जेल से बाहर आ गए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पंगरकर को पार्टी का टिकट मिलेगा, खोतकर ने कहा कि वे जालना में पार्टी के लिए काम करेंगे।
हालांकि, संपर्क करने पर शिंदे सेना के प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि उन्हें पंगारकर के पार्टी में शामिल होने की जानकारी नहीं है।
पंगारकर 2001 से 2006 के बीच अविभाजित शिवसेना के जालना नगरपालिका पार्षद थे। 2011 के नगर निगम चुनावों के दौरान पार्टी द्वारा निकाले जाने के बाद वे हिंदू जनजागृति समिति में शामिल हो गए।
दो मामले में गिरफ्तार किए गए थे पंगारकर
पंगारकर को पहले दो मामलों में गिरफ्तार किया गया था – गौरी लंकेश हत्या मामले में कर्नाटक पुलिस की एसआईटी द्वारा, तथा नालासोपारा हथियार बरामदगी मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा। जमानत पर रिहा होने से पहले उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया था।
गौरी लंकेश मामले में उन पर आग्नेयास्त्रों की व्यवस्था करने और प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने का आरोप लगाया गया था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस साल 4 सितंबर को उन्हें जमानत दे दी थी, जिसमें कहा गया था कि वह उन आरोपियों में से एक थे जो अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उन पर साजिश रचने और वाहनों तथा आग्नेयास्त्रों की व्यवस्था करने का आरोप था।
हथियार बरामदगी मामले में अगस्त 2018 में महाराष्ट्र के नालासोपारा में पिस्तौल, एयरगन और देसी बम जब्त किए गए थे। एटीएस ने दावा किया कि पंगारकर ने हथियार खरीदने के लिए धन मुहैया कराया था। पंगारकर समेत गिरफ्तार किए गए 12 आरोपियों पर हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
एटीएस ने दावा किया कि आरोपियों ने दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित सनबर्न संगीत समारोह को पेट्रोल बम फेंककर बाधित करने की साजिश रची थी, क्योंकि उन्हें लगा कि यह हिंदू संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब एक आरोपी ने खुद को आयोजन स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की कैद में पाया तो उन्होंने अपनी योजना छोड़ दी। एटीएस ने यह भी दावा किया कि 12 आरोपियों ने कुछ प्रमुख व्यक्तियों के घरों की रेकी भी की थी।
एटीएस ने दिसंबर 2018 में आरोपपत्र दाखिल किया था। पंगारकर और अन्य पर आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।
इस साल 30 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने पंगारकर और चार अन्य को इस आधार पर जमानत दे दी थी कि मुकदमा चल रहा है, लेकिन इसके समय पर पूरा होने की संभावना कम है।
5 सितंबर, 2017 को गौरी लंकेश की कर दी गई थी हत्या
5 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु में उनके आवास के बाहर लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने हत्या के लिए सनातन संस्था और अन्य संगठनों से जुड़े 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई के दौरान 17 आरोपियों में से 11 को जमानत मिल चुकी है। इस महीने की शुरुआत में कथित शूटर सहित लंकेश मामले के दो प्रमुख आरोपियों को जमानत पर रिहा होने के बाद कर्नाटक के विजयपुरा क्षेत्र में हिंदुत्व समूहों के सदस्यों द्वारा सम्मानित किया गया था।
(वल्लभ ओज़ारकर , सदफ मोदक की रिपोर्ट)