Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच एक नया विवाद सामने आया है। इस बार विवाद बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) के महाप्रबंधक की नियुक्ति को लेकर है। 5 अगस्त को महाराष्ट्र सरकार द्वारा दो अलग-अलग नियुक्ति पत्र जारी किए गए, जिनमें एक ही पद के लिए अलग-अलग अधिकारी का नाम शामिल है।
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे के कंट्रोल वाले नगरीय विकास विभाग ने अश्विनी जोशी को बेस्ट का नया महाप्रबंधक नियुक्त किया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद फडणवीस के कंट्रोल वाले सामान्य प्रशासन विभाग ने एक और परिपत्र जारी कर आशीष शर्मा को उसी पद पर नियुक्त कर दिया।
नियुक्ति को लेकर जब फड़नवीस से इस भ्रम का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं बेस्ट के बारे में निर्णय नहीं लेता, यह काम बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) करता है। इस बीच, शहरी विकास विभाग ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि जोशी की नियुक्ति के बारे में कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।
कामगार सेना ने सरकार की आलोचना की
वहीं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) से संबद्ध बेस्ट कर्मचारी संघ (कामगार सेना) ने कहा कि यह घटना आईएएस अधिकारियों के बीच गहरे प्रशासनिक भ्रम और इस चरमराती संस्था को संभालने की अनिच्छा को दर्शाती है।
कामगार सेना के सुहास सामंत ने कहा कि सरकार ने एक आदेश जारी कर मुंबई नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी जोशी को बेस्ट का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने बेस्ट का प्रभार लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसी रात आशीष शर्मा, जिनके पास पहले से ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का प्रभार है। उनको बेस्ट का अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया गया। जब फड़नवीस से इस भ्रम का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं बेस्ट के बारे में निर्णय नहीं लेता, यह काम बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) करता है।
अधिकार को लेकर संघर्ष- विपक्ष
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इस स्थिति को सीएम और डिप्टी सीएम के बीच अपने वफादारों को मलाइदार या महत्वपूर्ण पदों पर बिठाने के लिए गैंगवार बताया।
हर्षवर्धन सपकाल ने लिखा कि अधिकारियों के तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फड़नवीस के बीच गैंगवार चल रहा है। एक ही पद के लिए एक ही दिन दो अलग-अलग अधिकारियों की नियुक्तियां की जा रही हैं। लोगों को अच्छे पदों पर बिठाने की इस जद्दोजहद को देखकर जनता सोच में पड़ गई है कि यह सरकार है या ज़मीनी जंग।
बता दें, यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब एकनाथ शिंदे एक सप्ताह में दूसरी बार दिल्ली की यात्रा पर आए हैं, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मंत्रियों पर फडणवीस का बढ़ता नियंत्रण और शिंदे के वफादारों के खिलाफ कार्रवाई इस यात्रा के पीछे का एक कारण हो सकता है।
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने दोनों नियुक्तियों को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच तालमेल पहले ही खत्म हो चुका है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि सीएम के जीएडी (पदों और स्थानांतरण के लिए आधिकारिक विभाग) ने प्रशासक के रूप में एक नाम के लिए आदेश जारी किए हैं, जबकि गद्दारनाथ के यूडी विभाग ने दूसरे नाम के लिए आदेश जारी किए हैं।
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आदित्य ठाकरे ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम को पहले मुख्यमंत्री से इस बारे में चर्चा नहीं करनी चाहिए थी? क्या जीएडी को ये आदेश जारी नहीं करने चाहिए थे? इस अहंकार की लड़ाई में हमारा राज्य क्यों पीड़ित रहे?
बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में UBT-MNS गठबंधन आगे
18 अगस्त को होने वाले बेस्ट श्रमिक क्रेडिट सोसायटी के चुनावों से पहले शक्ति प्रदर्शन के तहत यूबीटी की बेस्ट शाखा और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आधिकारिक तौर पर एक साथ आ गए हैं। एक बयान में कहा गया है कि वरिष्ठ नेतृत्व के निर्देशानुसार, दोनों नेताओं ने अब निर्णय लिया है कि बेस्ट के भीतर भविष्य की हर लड़ाई बेस्ट कामगार सेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण बेस्ट कर्मचारी सेना द्वारा संयुक्त रूप से लड़ी जाएगी।
मुंबई कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं के मुद्दे उठाए, SIT जांच की मांग की
इस बीच, मुंबई कांग्रेस ने भी इस मौजूदा संकट पर अपनी राय दी है। पूर्व पार्षद शीतल म्हात्रे ने वेतन में देरी, अग्नि सुरक्षा जांच की कमी और नई बसों के ऑर्डर की कमी की ओर इशारा करते हुए इन्हें कंपनी के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक बताया। कांग्रेस ने धन के कथित दुरुपयोग और बेस्ट की भूमि का निजी उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने की जांच के लिए एसआईटी की भी मांग की।