वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने शनिवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की। हालांकि, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में उनकी पार्टी के शामिल होने की बात से उन्होंने साफ इंकार कर दिया।
दक्षिण मुंबई में स्थित वाईवी चव्हाण सेंटर में ‘अनलिशिंग इंडिया इकोनॉमिक पोटेंशियल : डॉ. आम्बेडकर लेगसी लाइव्स ऑन’ शीर्षक नाम से आयोजित एक समारोह में प्रकाश अंबेडकर और शरद पवार दोनों ही वक्ता थे। इस दौरान बी आर अंबेडकर के पोते प्रकाश ने कहा, “जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो वहां 15 से ज्यादा लोग थे। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के बाद हमने पवार के ऑफिस पर कॉफी पी।” अंबेडकर ने कहा कि 5 राज्यों के चुनाव के नतीजे आने बाद ही आगे की चर्चा होगी।
सुप्रिया सुले भी थीं बैठक में मौजूद
जब उनसे पूछा गया कि क्या पवार के साथ मुलाकात का नतीजा उनकी पार्टी के विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल होने के तौर पर आएगा, तो उन्होंने इंकार कर दिया। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले भी बैठक में मौजूद थीं। मुलाकात पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि वीबीए और महा विकास अघाड़ी को आगामी चुनाव के लिए साथ आना चाहिए।
कॉफी पर हुई मुलाकात
चव्हाण ने कहा, “यहां तक की प्रकाश अंबेडकर ने भी कहा कि एक सम्मेलन के दौरान कॉफी पर उनकी मुलाकात हुई, जो एक सकरात्मक संकेत है। भविष्य में वीबीए और एमवीए के बीच गठबंधन को लेकर कुछ न कुछ बातचीत होगी।” गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) वाला महा विकास आघाड़ी गठबंधन (एमवीए) भी शामिल है। दरअसल ‘इंडिया’ गठबंधन में प्रकाश अंबेडकर को शामिल करने की इच्छा शिवसेना UBT की है लेकिन कांग्रेस का इसे लेकर विरोध है।
VBA के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी 2024 के चुनावों में महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वीबीए प्रमुख ने अपनी पार्टी इकाइयों को यह ध्यान में रखते हुए चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया है कि उन्हें अकेले ही चुनाव लड़ना है। बी आर अंबेडकर के पोते ने कहा कि वीबीए सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि वह खुद अकोला सीट से चुनाव लड़ेंगे। पिछले साल वीबीए ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन किया था। हालांकि, यह गठबंधन अभी भी बरकरार है, लेकिन चुनाव पूर्व गठबंधन के संबंध में कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया की कमी ने अंबेडकर को परेशान कर दिया है।