AIMIM विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने 12 मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब की मकबरे पर चादर और फूल चढ़ाया था। इसको लेकर ओवैसी विपक्षी राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गये हैं। जहां भाजपा ने पहले ही महाराष्ट्र सरकार से ओवैसी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है तो वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि एक नया विवाद पैदा करने के लिए यह किया जा रहा है।

शनिवार को शरद पवार ने अकबरुद्दीन ओवैसी के औरंगाबाद दौरे को लेकर कहा कि यह दौरा पश्चिमी राज्य में एक नया विवाद पैदा करने के उद्देश्य से किया गया था। जोकि शांति से काम कर रहा है। शरद पवार ने कहा कि इन लोगों को महाराष्ट्र और भारत का इतिहास पता है। औरंगजेब ने अपने समय में जो किया, उसकी भी जानकारी है। लेकिन महाराष्ट्र के बाहर से किसी का राज्य में आकर एक नया मुद्दा बनाना सही नहीं है।

पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार, जिसमें एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी शामिल हैं, ठीक से चल रही हैं और वह इसके काम से संतुष्ट हैं। वहीं आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर एनसीपी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी और सहयोगी शिवसेना के पास राज्यसभा सांसद चुनने के लिए जरुरत से अधिक संख्या है।

बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी के औरंगजेब के मकबरे पर जाने को लेकर शिवसेना और मनसे ने भी निंदा की है। वहीं भाजपा ने इसपर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र बीजेपी ने उद्धव ठाकरे सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस मामले में देखेंगे कि राज्य सरकार में साहस कितना है।

बीजेपी नेता राम कदम ने कहा, ‘लोगों की आवाज दबाने का शौक महाराष्ट्र सरकार को है। यह सरकार लोगों पर राजद्रोह लगाती है। अगर उनमें इतना ही दम है तो ओवैसी पर भी उन्हें राजद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए।’

बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी के साथ औरंगाबाद के सांसद और AIMIM नेता इम्तियाज जलील भी औरंगजेब के मकबरे पर गये थे। उन्होंने ओवैसी का बचाव करते हुए कहा कि शिवसेना और बीजेपी को अकबरुद्दीन ओवैसी से सीखने की जरूरत है।