महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर जिले के इतवारी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी’ स्टेशन रखने का फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक विधायक ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
नागपुर पूर्व के विधायक कृष्णा खोपड़े ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि महाराष्ट्र के गृह विभाग द्वारा इस संबंध में 16 जून को एक अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमें यह बताया गया था कि गृह मंत्रालय से 23 मई को नाम बदलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (No Objection Certificate) प्राप्त हुआ था। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ऐसी श्रद्धांजलि दी जा सके।
सितंबर 2022 में केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया था प्रस्ताव
इतवारी रेलवे स्टेशन का नाम नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम करने की मांग भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े के नेतृत्व में नागरिकों द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही थी। इस संबंध में एकमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्य सरकार के गृह परिवहन विभाग ने अगस्त 2022 में मंत्रिमंडल में प्रस्ताव को मान्यता देकर सितंबर में केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा था।
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने 23 मई 2023 को प्रस्ताव को मान्यता दे दी। मान्यता मिलते ही अब राज्य सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। विधायक कृष्णा खोपड़े ने सभी नागरिकों, पूर्व नगरसेवकों जिन्होंने उनकी इस मांग में साथ दिया, साथ ही सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार माना है।
वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु कर दिया था। मई 2023 में वीर सावरकर जयंती के दिन महाराष्ट्र सरकार ने इसे लेकर फैसला लिया था। इसके अलावा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम भी बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में न्हावा शेवा अटल सेतु कर दिया गया था।
इससे पहले केंद्र सरकार ने फरवरी में औरंगाबाद और उस्मानाबाद के बदले हुए नाम को मंजूरी दे दी थी। अब औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा।