महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पुलिस उस महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी जिसने यहां ‘फ्री कश्मीर’ (कश्मीर मुक्त करो) की तख्ती के साथ विरोध प्रदर्शन किया था। बुधवार (22 जनवरी) को देशमुख ने कहा कि यदि महिला का इरादा घाटी को वर्तमान स्थिति से मुक्ति दिलाने का था तो ऐसा करना ‘भारत विरोधी’ कार्य नहीं कहा जा सकता। बता दें कि जेएनयू हमले के खिलाफ यहां हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए महक प्रभु नामक महिला ने ‘फ्री कश्मीर’ (कश्मीर मुक्त करो) की तख्ती दिखाई थी।

महिला के खिलाफ मामला है दर्जः मामले में बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इस घटना ने जनता का ध्यान खींचा था और पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था। हालांकि प्रभु ने इसके लिए माफी मांग ली थी। लेकिन कोलाबा पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 153बी के तहत मामला दर्ज किया था।

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‘देश विरोधी’ इरादा सोचकर किया होगा हुई होगी कार्रवाई- देशमुखः इसके बारे में पूछे जाने पर देशमुख ने कहा, ‘हमने उस महिला के व्हाट्सऐप संदेश देखे थे। उनमें उसने कहा था कि जम्मू कश्मीर में कोई इंटरनेट, मोबाइल सेवा नहीं है और विपक्षी नेता वहां गिरफ्तार हैं। क्या वह इस स्थिति से आजादी चाहती थी? उसका यह भी इरादा हो सकता था।’ गौरतलब है कि देशमुख ने कहा कि शुरुआत में गृह विभाग ने सोचा होगा कि महिला का इरादा ‘देश विरोधी’ था।

देशमुख-इरादा राष्ट्र विरोधी नहीं है तो कार्रवाई नहींः देशमुख ने कहा, ‘लेकिन हम इसकी भी जांच कर रहे हैं कि उसका कोई और मकसद भी हो सकता है। अगर उसे लगता है कि कश्मीर को वर्तमान स्थिति से आजादी मिलनी चाहिए तो इसमें कोई बुराई नहीं है और यह राष्ट्र विरोधी कार्य नहीं है। अगर उसका इरादा राष्ट्र विरोधी नहीं है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई प्रश्न नहीं उठता।’