महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर BJP-शिवसेना के बीच रार गुरुवार (सात नवंबर, 2019) को खत्म हो सकती है। बीजेपी नेता इस बाबत कल राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, जबकि सहयोगी पार्टी शिवसेना अभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए 50-50 की मांग पर अड़ी है। सूबे में ढाई साल के लिए वह अपना सीएम चाहती है।
दरअसल, महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो जाएगा। नई सरकार के गठन पर जारी गतिरोध के बीच कल बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यिारी से मिलेगा। पार्टी के सीनियर नेता सुधीर मुनगंतीवार ने इसी बाबत बुधवार को बताया, ‘‘प्रदेश इकाई प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल सीएम फडणवीस द्वारा मंजूर एक संदेश के साथ कोश्यिारी से मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल के साथ मुलाकात का ब्यौरा बाद में मीडिया से साझा किया जाएगा।’’
इसी बीच, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन के संबंध में कोई भी फैसला उनकी पार्टी और उसकी सहयोगी राकांपा साथ मिलकर लेगी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि जब तक कांग्रेस और राकांपा एक साथ राजी नहीं होती है, मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ा जाएगा। चव्हाण यह भी बोले कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और यही वजह है कि कांग्रेस का मानना है कि भाजपा को सत्ता में नहीं होना चाहिए।
उधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि उनके पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। राउत के मुताबिक, अगर बीजेपी नेता राज्यपाल से गुरुवार को मिलते हैं, तो उनकी पार्टी इस कदम से सहमत है।
उनके अनुसार, ‘‘हमने राज्यपाल से मुलाकात की। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास अठावले ने भी उनसे मुलाकात की। और यदि भाजपा नेता राज्यपाल से मिलते हैं (सरकार गठन का दावा पेश करने के लिये) तो उन्हें सरकार बनाना चाहिए क्योंकि वह (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी है।’’ राउत आगे बोले, ‘‘हम यह कहते आ रहे हैं कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को सरकार बनाना चाहिए।’’
बता दें कि राज्य में हालिया चुनाव में बीजेपी ने 288 सदस्यीय विधानसभा में सबसे अधिक 105 सीटें जीती हैं। वहीं, उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली। 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तो उभरी, लेकिन नई सरकार में मुख्यमंत्री पद और विभागों के बंटवारे को लेकर बीजेपी और सहयोगी शिवसेना में गतिरोध फिलहाल कायम है।
