महाराष्ट्र में 19 दिन तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू हो गया और विधानसभा को निलंबित रखा गया है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी सरकार बनाने की जद्दोजहद जारी है। ऐसे में शिव सेना ने बिना भाजपा का नाम लिए उनपर ट्वीट कर निशाना साधा है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि अब हारना और डरना मना है।
राउत ने ट्विटर पर लिखा ‘अब हारना और डरना मना है… हार हो जाती है जब मान लिया जाता है। जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है।’ राउत ने एंजियोप्लास्टी कराने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश न करें और शिवसेना को अपना राजनीतिक रास्ता चुनने दें। उन्होंने कहा था “हम लड़ने और मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन धमकी या जबरदस्ती की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
राउत ने मीडिया से कहा, “मैंने सुना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देवेंद्र फणनवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे..यहां तक की सेना भी बार-बार दोहरा रही है कि उनका मुख्यमंत्री ही शपथ लेगा।” वहीं शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री के पद के साथ ही सेना को 50:50 की सत्ता-साझेदारी मिलने की बात हुई थी।
मीडिया के अलावा राउत ने गुरुवार को एक ट्वीट भी किया था। उन्होंने लिखा ‘शिवसेना अध्यक्ष उद्धवजी ठाकरे के साथ अहमद पटेल जी की मीटिंग हुई और हमे कुछ वादे किये गये ऐसी बाते मिडीया के जरिये फैलाई जा रही है, मैं उद्धवजी की तरफ से ये बात साफ कर देना चाहता हूं की ऐसी कोई मुलाकात नही हुई, हमारी बातचीत कांग्रेस और एनसीपी के साथ चल रही है।’
बता दें चुनाव नतीजों के बाद भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को बहुमत मिला था लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में बात नहीं बनी। इसके बाद शिवसेना नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीए) से अलग हो गई और दोनों पार्टियों के रास्ते अलग-अलग हो गए। गठबंधन टूटने के बाद किसी भी दल के पास बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है।

