महाराष्ट्र में कांग्रेस नेताओं के बीच एक बार फिर रार नजर आने लगी है। पूर्व में जहां मंत्रालयों के लेकर मन-मुटाव देखने को मिला था, अब प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा है। दरअसल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें राज्य की कमान दी जाए। इसके पीछे उन्होंने तर्क देते हुए लिखा कि महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के जिम्मेदार मौजूदा अध्यक्ष बाला साहेब थोराट हैं। ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद चव्हाण को महाराष्ट्र के अध्यक्ष पद से हटाकर प्रदेश की कमान थोराट को सौंपी गई थी, हालांकि चव्हाण ने उन्होंने एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बनने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने बुधवार को आरएसएस और भाजपा पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि दोनों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी ऐसा नहीं होने देगी और आरक्षण बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ संघर्ष शुरू करेगी।
थोराट मंत्रालय के निकट महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास आयोजित ‘भाजपा हटाओ, आरक्षण बचाओ’ रैली में बोल रहे थे। इस रैली का आयोजन उनके नेतृत्व में किया गया था। थोराट ने कहा, ‘आरएसएस और भाजपा आरक्षण विरोधी हैं। उत्तराखंड में भाजपा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार, संविधान द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिये गए आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास कर रही हैं।’
उन्होंने दावा किया, ‘उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को नौकरियों में आरक्षण देना उसका संवैधानिक दायित्व नहीं है।’ उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को धनराशि उनकी जनसंख्या के अनुपात में देना शुरू किया था लेकिन मोदी सरकार ने उसे समाप्त कर दिया तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उपयोजना को कम राशि दी गई। (भाषा इनपुट)