महाराष्ट्र की सियासी गहमागहमी के बीच तीखे बयानों का दौर भी जारी है। ऐन मौके पर सरकार बनाने से चूक गई शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी को मिले अजित पवार (Ajit Pawar) के समर्थन का मखौल उड़ाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें राज्य के नए डिप्टी सीएम अजित पवार की तुलना भैंसे से कर दी है और कहा कि बीजेपी के लिए अजित पवार से समर्थन लेना भैंसे का दूध दुहने जैसा है।
‘भैंसे के दूध के लिए ऑपरेशन लोटस’: सामना में लिखा है, ‘अजीत पवार के रुप में बीजेपी ने एक भैंसे बांध लिया है और भैंसे से दूध दुहने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाया है।’ शिवसेना ने मौजूदा सियासी घटनाक्रम को आचार और नीति का उल्लंघन करार दिया और कहा कि सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं लेकिन बहुमत का आंकड़ छू नहीं पाएंगे। सामना में ऑपरेशन कमल को ‘उठाईगीरी’ और ‘भैंसागीरी’ करार दिया है।
’25 साल पुरानी दोस्ती का सम्मान नहीं किया’: शिवसेना ने बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ अपनी 25 साल पुरानी मित्रता का सम्मान नहीं किया वह एनसीपी नेता अजित पवार को भी एक ना एक दिन छोड़ देंगे। इसमें लिखा है, ‘बगावत करने वाले नेता असफल रहे हैं और यह बात अगले कुछ दिन में साबित हो जाएगी। देवेंद्र फडणवीस ने चोर की भांति मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।’
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‘इसे नाटक कहना रंगमंच का अपमान’: पार्टी ने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है उसे ‘नाटक’ कहना रंगमंच का अपमान है। हाथ में सत्ता है, जांच एजेंसियां हैं, भरपूर काला पैसा है और इसके दम पर राजनीति में मनचाहा उन्माद लाने की कोई सोच रहा होगा तो यह महाराष्ट्र का अपमान है। वास्तव में महाराष्ट्र में फिलहाल जो राजनीतिक अस्थिरता है, वो बीजेपी के कारण, उनकी व्यावसायिक वृत्ति के कारण और फंसाने की कला के कारण है।