महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों को ऐलान हो चुका है। लेकिन इस बीच महा विकास आघाड़ी में सीटों को लेकर मतभेद जारी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है। लेकिन अभी तक यह नहीं तय हो पाया है कि कांग्रेस, एनसीपी (SP) और शिवसेना (UBT) कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के बीच विदर्भ, मुंबई और नासिक की 30 से अधिक सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। दोनों ही दल इन सीटों पर दावा कर रहे हैं।
कांग्रेस-शिवसेना के बीच फंसा पेंच
महाराष्ट्र में कांग्रेस 110 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि उद्धव ठाकरे की पार्टी भी 100 से अधिक सीटें मांग रही है। दोनों ही दल गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका अदा करना चाह रहे हैं। हैरानी भरी बात यह है कि विदर्भ में उद्धव ठाकरे की पार्टी सीटें मांग रही है जबकि कांग्रेस का दावा है कि वह इन सीटों पर मजबूत है। विदर्भ में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी फाइट होती रही है और कांग्रेस का दावा है कि विदर्भ उसका गढ़ रहा है और लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद वह फिर से वहां पर मजबूत हो चुकी है।
महाराष्ट्र में सीटों को लेकर कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के बीच आज बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद इंडिया गठबंधन के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। हालांकि 25 तारीख को कांग्रेस की CEC की बैठक होगी।
एनसीपी को क्या मिलेगा?
अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में अगर 215 सीटों पर शिवसेना और कांग्रेस दावा ठोक देगी तो एनसीपी और छोटे दलों के लिए क्या बचेगा? समाजवादी पार्टी ने भी 12 सीटों की मांग की है। महाराष्ट्र में हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना बड़े भाई की भूमिका में थी। लेकिन कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बाद स्थिति बदल गई है। कांग्रेस अब बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बयान देते हुए कहा कि हमने 96 सीटों के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब 25 अक्टूबर को बैठक होगी और सब कुछ फाइनल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बात करेंगे और 30 से 40 सीटों पर जो समस्या है, उसका रास्ता निकालेंगे।