Maharashtra Election 2019: महाराष्ट्र की उल्हासनगर विधानसभा सीट पर चुनावी लड़ाई में पार्टी हित पर रिश्तों को ज्यादा अहमियत देने के चलते भाजपा मेयर इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल एनसीपी ने मौजूदा विधायक ज्योति कलानी को चुनावी मैदान में उतारा है। ज्योति पूर्व विधायक और हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पप्पू कलानी की पत्नी है। एनसीपी उम्मीदवार के पक्ष में जो प्रचार करने में जुटे हैं उनमें एक नाम भाजपा मेयर पंचम ओमी कलानी का भी है, जिनकी सास ज्योती कलानी एनसीपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। यहां से भाजपा ने चार बार के विधायक पप्पू कलानी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कुमार ऐलानी को चुनावी मैदान में उतारा है।
ज्योति कलानी कहती हैं कि उल्हासनगर से उन्हें जीत का भरोसा है, चूंकि उनका बेटा ओमी और बहू पंचम उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए एक परिवार की तरह काम कर रहे हैं। बता दें कि पंचम राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार की तीसरी नेता और उल्हासनगर की मेयर हैं।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवार की घोषणा से दो घंटे पहले हमें उल्हासनगर से टिकट देने का वादा किया गया था। हमने 20 सितंबर को सीएम सर के साथ एक बैठक की और उन्होंने मेरे पति से कहा कि वे मौजूदा विधायक को टिकट नहीं दे सकते हैं। वो मुझे टिकट दे सकते हैं क्योंकि मैं पहले से ही एक भाजपा पार्षद और मेयर हूं। ओमी इससे सहमत हो गए मगर जब हमें टिकट नहीं मिला तो हमें ठगा हुआ महसूस हुआ।’
उन्होंने कहा कि जब उन्हें भाजपा का उम्मीदवार माना जा रहा था, तब सास ज्योति ने एनसीपी से इस्तीफा दे दिया था। पंचम ने कहा, ‘इसलिए अब मेरी ड्यूटी है कि उनके समर्थन में आऊं। हम पार्टी नहीं देखते हैं। हम एक परिवार की तरह काम करते हैं। हम अपनी सीट छोड़कर घर पर नहीं बैठ सकते हैं।’
पंचम कहती हैं कि वो सास का प्रचार करने के चलते परिणामों से भी अवगत हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे साथ एक बाहरी व्यक्ति की तरह व्यवहार किया गया और मुझे कारण बताओ नोटिस की धमकी दी जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो मैं पार्टी से इस्तीफा दे दूंगी।’
उल्लेखनीय है कि बुधवार दोपहर बाद ज्योति ने सिंधी व्यापारियों और वकीलों संग एक मीटिंग भी की, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि चुनाव में सभी उनका समर्थन करेंगे।
जानना चाहिए कि उल्हासनगर में करीब 2.30 लाख पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें सिंधी और मराठी मतदाताओं की तादाद खासी है। साल 2014 के चुनाव में ज्योति ने पूर्व विधायक ऐलानी को 1,863 वोटों के छोटे अंतर से हराया था।
एनसीपी उम्मीदवार ज्योति कहती हैं कि भाजपा के कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से जैसे मुद्दे यहां काम नहीं करेंगे। यहां लोगों को आर्थिक मंदी की चिंता हैं जो व्यापारिक समस्या से गुजर रहे हैं।