Maharashtra Maratha Agitation: महाराष्ट्र में भड़की मराठा आंदोलन की चिंगारी थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद जालना में तनाव व्याप्त है। वहीं सोमवार को मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उप-समिति की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता सीएम एकनाथ शिंदे ने की। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। वहीं मराठा आंदोलन की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है। कई जिलों में आज बंद भी बुलाया गया है। जालना में हुए लाठीचार्ज के बाद अब सरकार पर भी दबाव भी बढ़ता जा रहा है। वहीं प्रदर्शनकारी डिप्टी सीएम अजित पवार के इस्तीफे की मांग रहे हैं।

बैठक के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘मराठा आरक्षण पर आज हमने उच्च स्तरीय बैठक की। मैं पहले ही प्रदर्शनकारियों से बात कर चुका हूं और हम इस मुद्दे को व्यवस्थित तरीके से सुलझाएंगे। हमारी सरकार मराठा आरक्षण से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए गंभीर है। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री गिरीश महाजन और अन्य मंत्री चर्चा के लिए (जालना) जाएंगे।

‘मैं सरकार की ओर से माफी मांगता हूं’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ” मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आज बैठक हुई है। पुलिस द्वारा लाठीचार्ज सही नहीं था… मैं सरकार की ओर से माफी मांग रहा हूं। सीएम ने कहा है कि जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मराठा आंदोलन के नेता मनोज जारांगे पाटिल को इस मसले पर चर्चा के लिए बुलाया था। हालांकि, मनोज जारांगे ने उनसे मिलने के लिए इनकार कर दिया है। वहीं राज्यसभा सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने भी सीएम एकनाथ शिंदे से इस मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया।

उपमुख्यमंत्री के ऑफिस की ओर से कहा गया है कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जारांगे पाटिल से फोन पर बात की। साथ ही उन्हें भरोसा दिया कि जालना की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। डिप्टी सीएम कार्यालय की तरफ से यह भी बताया गया है कि इस मुद्दे पर चर्चा से निश्चित रूप से स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता निकलेगा और सरकार को उम्मीद है कि मराठा आंदोलन के नेताओं के साथ बैठक जल्द ही होगी।

उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के सांसद संजय राउत ने मराठा आरक्षण हिंसा को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश किसने दिया था? उन्होंने कहा कि पुलिस कभी भी आदेश बिना मिले लाठीचार्ज और गोली नहीं चलाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि शीर्ष अधिकारियों के आदेश के बिना मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के कार्यालय से किसने फोन किया था? उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि फोन कॉल पर ये आदेश किसने दिए।

राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार जनरल डायर की मानसिकता से काम कर रहे हैं। उन्होंने शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी का आदेश दिया।

इससे पहले शनिवार को शिंदे ने कहा था कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘नवंबर 2014 में, जब तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गठबंधन सरकार सत्ता में थी। तब सरकार ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा की थी। हाईकोर्ट ने भी सरकार द्वारा लिए गए मराठा आरक्षण के फैसले को बरकरार रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अलग फैसला दिया। उन्होंने कहा कि यह सब जानते हैं कि यह किसी की लापरवाही के कारण हुआ है। मराठा आरक्षण का मामला फिलहाल कोर्ट में है। राज्य सरकार इस मामले को अदालत में लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुछ कठिनाइयां हैं, और राज्य सरकार उन्हें हल करने की कोशिश कर रही है।” इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से उन लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ लोग इस स्थिति का राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं।

शुक्रवार को जालना में मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था। जिसमें कई पुलिस कर्मी समेत प्रदर्शकारी भी घायल हुए थे।