महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को दावा किया है कि उन्होंने राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति और जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर की आपूर्ति के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन के जरिये संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार की व्यस्तता से वह उपलब्ध नहीं हो सके।
सीएमओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, “कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है। सभी उत्पादित ऑक्सीजन का इस्तेमाल चिकित्सा जरूरतों के लिए किया जा रहा है। हमने इस बारे में प्रधानमंत्री को भी बता दिया है। कल शाम को हमने उन्हें संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पश्चिम बंगाल चुनाव में व्यस्त रहने के कारण वे बात नहीं कर पाए।” हालांकि, उद्धव ने अगली ही बात में इस मुद्दे को दबाने की कोशिश करते हुए कहा कि हमें केंद्र सरकार से सारा सहयोग मिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने ठाकरे पर लगाया तुच्छ राजनीति करने का आरोप: महाराष्ट्र के सीएम की तरफ से बार-बार केंद्र पर आरोप लगाए जाने के मसले पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हमला किया है। उन्होंने महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे पर कहा कि अबतक महाराष्ट्र को भारत में सबसे अधिक ऑक्सीजन मिला है और केंद्र उसकी जरूरतों का आकलन करने के लिए राज्य सरकार के नियमित संपर्क में है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कहा, “महाराष्ट्र अकुशल और भ्रष्ट सरकार की समस्या का सामना कर रहा है और केंद्र सरकार वहां के लोगों के लिए यथा संभव बेहतर कर रही है। महाराष्ट्र के लोग ‘माझा कुटुंब, माझी जवाबदारी’ का अनुपालन कर्तव्य की तरह कर रहे है। अब समय है कि मुख्यमंत्री भी ‘माझा राज्य, माझी जवाबदारी’ की भावना के साथ अपने कर्तव्य का अनुपालन करें।”
उद्योग जगत से की योजना बनाने की अपील: इस बीच, ठाकरे ने उद्योग क्षेत्र से अपील की कि वे कोविड-19 अनुकूल कार्यशैली को विकसित करे ताकि ‘कोरोना वायरस की तीसरी लहर’ से अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं हो। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र और राज्य सरकार में समन्वय करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा।
ठाकरे ने कहा कि कोविड-19 की लहर का पूर्वानुमान चूंकि नहीं लगाया जा सकता, ऐसे में कारोबार जगत और उद्योगों को अगली लहर का मुकाबला करने के लिए योजना बनानी चाहिए और कोविड-19 अनुकूल कार्यशैली और जांच व टीकाकरण सुविधा से यह हो सकता है। बता दें कि इससे पहले ठाकरे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की कमी और ढुलाई की रणनीतिक समस्या का मुद्दा उठा चुके हैं।
