महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने बीजपी की रैली में एनसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने खिलाफ नारेबाजी पर सख्त नाराजगी जाहिर की है। सीएम महाजनादेश यात्रा के तहत एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घरेलू मैदान बारामती में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे था जहां एनसीपी कार्यकर्ताओं ने परेशानी पैदा की। घटना के एक दिन बाद सीएम फणनवीस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर निशाना साधते हुए पूछा कि अगर भाजपा कार्यकर्ता पवार की जन सभाओं को प्रभावित करने लगें तो कैसा लगेगा। उन्होंने कहा, ‘क्या भाजपा कार्यकर्ताओं को पवार की सभी जनसभाओं में जाकर नारेबाजी करनी चाहिए?’

उन्होंने कहा, ‘सात एनसीपी कार्यकर्ताओं ने बारामती में महाजनादेश यात्रा के दौरान नारेबाजी की। उनके खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई। जब पुलिस उनके पास पहुंची वो भाग गए। हमारी पार्टी के सात कार्यकर्ता पवार की हर रैली में नारेबाजी करते हैं तो ठीक होगा?’ उन्होंने कहा कि क्या इसका (नारेबाजी का) मतलब है कि किसी अन्य राजनीतिक दल के किसी नेता को बारामती में रैलियां नहीं करनी चाहिए। अनुच्छेद 370 लागू है क्या?

महाराष्ट्र सीएम कहा कि वह एनसीपी कार्यकर्ताओं की अपने गृहनगर में रैली आयोजित करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है। लोकतंत्र में हर राजनीतिक पार्टी को जनसभाएं करने का अधिकार है। ऐसा लगता है कि एनसीपी के नीचे से जमीन खिसक रही है इसलिए वह नहीं चाहते कि सीएम शहर में आएं रैलियों को संबोधित करें।

एनसीपी के पूर्व नेता और छत्रपति शिवाजी के वंशल उदयनराजे भोसले (जिन्होंने सतारा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए), सतारा के पूर्व विधायक शिवेंद्रराजे भोसले (ये भी हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए) भी फणनवीस के रोड शो में शामिल थे जो रविवार को सतारा और पुणे से गुजरा। रैली में उदयनराजे ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी खत्म हो चुकी है।