Maharashtra Cabinet Expansion Formula: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार अगले सप्ताह बुधवार को हो सकता है। शिवसेना विधायक भरत गोगावाले और संजय शिरसाट ने इस बात की जानकारी दी है। दोनों नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार अगले सप्ताह बुधवार को हो सकता है। जो 16 दिसंबर (सोमवार) को नागपुर में शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले होगा।
भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी 20-22 मंत्रालय ले सकती है। उन्होंने कहा कि शिवसेना को 11-12 मंत्री पद और एनसीपी को 8-10 विभाग मिल सकते हैं।
महायुति सरकार के अभी तक तीनों भागीदारों के बीच एक सटीक शक्ति-साझाकरण सूत्र को अंतिम रूप नहीं दिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गृह, राजस्व, शहरी विकास, सिंचाई और सामाजिक न्याय के विभागों को महायुति के तीनों नेताओं में खींचतान देखने को मिल सकती है।
विभागों के बंटवारे पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले तीनों दलों के बीच बड़ी बातचीत होने की उम्मीद है। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि बुधवार को सभी कैबिनेट पद भरे जाएंगे या कुछ सप्ताह या महीनों के बाद दो से तीन चरणों में विस्तार किया जाएगा।
निवर्तमान शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार में कुल 29 मंत्री थे। महाराष्ट्र में कुल मंत्री 43 हो सकते हैं,लेकिन इसको लेकर अभी तक यह साफ नहीं है कि महायुति सरकार सभी 43 मंत्री बनाएगी या पहले की तरह कुछ मंडिमंडल हो सकता है।
भाजपा द्वारा गृह, राजस्व, शहरी विकास, सिंचाई, वन, परिवहन, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा आवास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा संस्कृति, आदिवासी विकास, सामान्य प्रशासन, कानून एवं न्यायपालिका और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) जैसे विभागों को अपने पास रखने की संभावना है।
एनसीपी उपमुख्यमंत्री पवार के लिए वित्त विभाग रखने की इच्छुक है। पार्टी सहकारिता, कृषि, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, बंदरगाह, राहत एवं पुनर्वास, सिंचाई, सामाजिक न्याय तथा महिला एवं बाल विकास भी चाहती है। ये ऐसे विभाग हैं जिनका जनता से जुड़ाव है और ये ग्रामीण मतदाताओं से जुड़े हैं, जो पार्टी का मुख्य आधार हैं।
उपमुख्यमंत्री शिंदे के लिए शिवसेना गृह विभाग चाह रही है और अपने सभी नौ मौजूदा मंत्रालयों को बरकरार रखना चाहती है। शिवसेना पदाधिकारियों ने कहा कि जब शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब भाजपा को ये सभी मंत्रालय मिले थे, इसलिए जब भाजपा को मुख्यमंत्री पद मिला तो शिवसेना को भी उसी अनुपात में महत्वपूर्ण विभाग मिलने चाहिए।
यह भी पढ़ें-