महाराष्ट्र में भाजपा के सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी में बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। कई भाजपा नेता चुनावों के दौरान अपना टिकट कटने पर खुलेआम नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। भाजपा सरकार में मंत्री रहीं पंकजा मुंडे ने भी अब देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पंकजा मुंडे ने पहली बार खुलेआम देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोला और आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ नेताओं के टिकट काटे जाने का फैसला राज्य स्तर पर हुआ था। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस को चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बता दें कि पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उनके कुछ सहयोगियों के टिकट काटे जाने का फैसला पार्टी की केन्द्रीय कमेटी में किया गया था।

फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं पंकजा मुंडे ने भी हालिया चुनावों में परली विधानसभा सीट से अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के हाथों हार का सामना किया है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि धनंजय मुंडे को समर्थन मिला था, जबकि ‘सरकार हमारी थी’। मराठी न्यूज चैनल एबीपी माझा के साथ बातचीत में मुंडे ने कहा कि “दिल्ली से टिकटों के लिए मना नहीं किया गया था, बल्कि यहां महाराष्ट्र से किया गया था। चुनावों में पार्टी का जो भी प्रदर्शन रहा, फडणवीस को उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो यदि मेरे सामने दो उम्मीदवार भी होते, तो भी मैं चुनाव नहीं हारती।”

बता दें कि अक्टूबर 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पूर्व मंत्री विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले, प्रकाश मेहता और एकनाथ खडसे का टिकट काट दिया था। गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने महाराष्ट्र में अकेले दम पर 288 में से 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि इस बार भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा और इस बार पार्टी 105 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी।

इसके बाद सीएम पद के बंटवारे को लेकर भाजपा और शिवसेना में मतभेद उभर आए। भाजपा द्वारा सीएम पद साझा करने से इंकार के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।

ऐसी खबरें आ रहीं थी कि पंकजा मुंडे भाजपा छोड़ सकती हैं। जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने इससे इंकार करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं। फडणवीस के साथ अजित पवार के साथ सरकार गठन के फैसले पर पंकजा मुंडे ने कहा कि ‘यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ा नुकसान था, जो किसी खास विचारधारा में यकीन रखते हैं।’

पंकजा मुंडे ने गुरुवार को महाराष्ट्र के बीड में एक जनसभा का आयोजन किया। इस जनसभा को संबोधित करते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं औरंगाबाद में एक दिन की भूख हड़ताल करूंगी। यह किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं होगी। यह प्रतीकात्मक हड़ताल होगी, जिसका मकसद केन्द्रीय नेतृत्व का ध्यान मराठवाड़ा की ओर आकर्षित करने का होगा। मुंडे ने ये भी कहा कि मैं पार्टी नहीं छोड़ूंगी। मैं भूख हड़ताल 27 जनवरी, 2020 को करूंगी।