महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान के बाद बीजेपी हर कदम संभल-संभल कर रख रही है। विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले बीजेपी अपनी सभी गोटियां ऐसे सेट करना चाहती है कि वो फिर से राज्य की सत्ता में काबिज हो जाए लेकिन कई चैलेंज उसकी राह में रोड़े बनते साबित हो रहे हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, महाराष्ट्र में बीजेपी को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि वह कैसे अपने मौजूदा विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी से निपटे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बीजेपी इसे बढ़ा चैलेंज इसलिए मान रही है कि पार्टी के आलाकमान का मानना है कि अगर वो किसी सिटिंग विधायक का टिकट काटते हैं तो उसकी तरफ से एंटी पार्टी रिएक्शन देखने को मिल सकता है और वो विरोधी खेमे में अपने लिए संभावनाएं तलाश सकते हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पार्टी किसी भी दुष्परिणाम से बचने के लिए अपने मौजूदा विधायकों से बातचीत कर डैमेज को कम करना चाहती है। खबर ये भी है कि बीजेपी सिर्फ उन्हीं सीटों पर मौजूदा विधायकों को ड्रॉप करने की प्लानिंग कर रही है, जहां उनके द्वारा टफ फाइट देने के चांस नहीं हैं।
बीजेपी के कई नेता एनसीपी से नाराज
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर में बताया गया है कि विदर्भ से बीजेपी लीडर आशीष देशमुख अजित पवार की पार्टी एनसीपी से खुश नहीं हैं। बताया जा रहा है कि उनके खुश न होने की वजह अजित पवार के शरद पवार की पार्टी के नेताओं से मधुर संबंध हैं। उन्होंने पार्टी आलाकमान से कंप्लेन कि है कि एनसीपी के नेता शरद पवार की पार्टी को लेकर सॉफ्ट हैं। एनसीपी नेताओं की महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के साथ नजदीकियां ‘महायुति’ के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।