राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार के एक बयान ने राजनीतिक जगत में ऐसा असर डाला कि वह उनके सफाई देने के बाद भी थम नहीं रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस के कई नेताओं ने इसको मुद्दा बनाकर बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने कहा, “इंद्रेश कुमार ने जो दिल में आया, वही कहा। हो सकता है कि उन पर दबाव रहा हो, इसलिए उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया, लेकिन भारत जानता है कि अहंकारी कौन है, अहंकार की भाषा कौन बोलता है, 400 पार की बात करता है और भगवान राम को लाने की बात करता है… जहां-जहां भगवान राम ने पैर रखे, वहां-वहां भाजपा हारी। यह भाजपा की करारी हार है…।”
उदित राज ने कहा, “RSS के पास बीजेपी की तरह कई चेहरे हैं”
दूसरी तरफ पार्टी के दूसरे नेता उदित राज ने कहा, “…चीजों को इस तरह से पेश किया गया कि नरेंद्र मोदी राम को लेकर आए। उन्होंने (इंद्रेश कुमार) उसी अर्थ में बात कही है, लेकिन बाद में उन्हें लगा होगा कि यह सरकार कभी भी गिर सकती है और वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं बनना चाहते…आरएसएस के पास बीजेपी की तरह कई चेहरे हैं और अभी नहीं तो बाद में चीजें स्पष्ट हो जाएंगी…।”
दरअसल संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को एक तंज भरे लहजे में बीजेपी और विपक्षी इंडिया (INDIA) ब्लॉक के लिए कहा था कि भगवान राम ने “अहंकार” वाले लोगों को सिर्फ “241 सीटों” तक सीमित कर दिया (बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं है) और हिंदू देवता का विरोध करने वालों को “234 पर रोक दिया।”
जयपुर के पास कनोता में “रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह” कार्यक्रम में कुमार ने कहा, “2024 में लोकतंत्र में राम राज्य के ‘विधान’ को देखें। जो लोग राम की पूजा करते थे लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, उन्हें सबसे बड़ी पार्टी बना दिया गया। लेकिन उन्हें उनके अहंकार के कारण पूर्ण बहुमत नहीं दिया गया। जिन्होंने राम का विरोध किया, वे सभी मिलकर भी पर्याप्त ताकत नहीं जुटा सके। यह भगवान का न्याय है।” इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि एक “सच्चे सेवक” में “अहंकार नहीं होता” है।