Maharashtra Assembly Election 2024 BJP: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के पक्ष में हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण हुआ है। इसे मानने के लिए चुनाव के आंकड़े मजबूत गवाही दे रहे हैं। बीजेपी ने चुनाव में 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटें जीती हैं।
चुनाव नतीजों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि महाराष्ट्र में 38 ऐसी विधानसभा सीटें, जहां पर मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 20% से ज्यादा है वहां इस बार बीजेपी के द्वारा जीती गई सीटों का आंकड़ा बढ़ा है। बीजेपी ने इस बार इन 38 में से 14 सीटें जीती हैं जबकि 2019 में पार्टी 12 सीटें ही जीत पाई थी। दूसरी ओर कांग्रेस का आंकड़ा इन 38 सीटों पर गिर गया है। 2019 में उसने 11 सीटें जीती थी लेकिन इस बार वह सिर्फ पांच सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई है। लेकिन ऐसा कैसे हुआ?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था। इन दोनों ही नारों की चर्चा महाराष्ट्र चुनाव के दौरान जमकर हुई थी। इसके साथ ही महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘वोट जिहाद’ की बात कहते हुए ‘वोट धर्मयुद्ध’ करने का आह्वान किया था।

बीजेपी के लिए जुटे संघ के संगठन
बताना होगा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे महाराष्ट्र में बीजेपी और महायुति के लिए बेहद निराशाजनक रहे थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद संघ परिवार यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े तमाम संगठनों ने भी बीजेपी के पक्ष में काम किया और मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की। बीजेपी के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मतदाताओं को वोटों के बंटवारे से होने वाले नुकसान के बारे में बताया।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को लगा था झटका
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 9 | 23 |
कांग्रेस | 13 | 1 |
एनसीपी | 1 | 4 |
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) | 8 | – |
शिवसेना (यूबीटी) | 9 | – |
शिवसेना | 7 | 18 |
‘वोट जिहाद ‘के बदले ‘वोट धर्म युद्ध’ का आह्वान
चुनाव प्रचार के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान कम से कम 14 लोकसभा सीटों पर ‘वोट जिहाद’ देखा गया था। फडणवीस ने कहा था कि इन 14 सीटों पर एक विशेष समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर हिंदुत्ववादी उम्मीदवारों को चुनाव हराया था। फडणवीस ने हिंदू मतदाताओं से ‘वोट जिहाद ‘के बदले ‘वोट धर्म युद्ध’ करने का आह्वान किया था। फडणवीस ने ‘वोट धर्म युद्ध’ करने का आह्वान छत्रपति संभाजी नगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए किया था।
यहां याद दिलाना होगा कि लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान भी ‘वोट जिहाद’ का शब्द काफी चर्चा में रहा था और उस दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी जनसभा में इस मुद्दे को उठाया था। इससे साफ हो गया था कि बीजेपी हिंदू वोटों को एकजुट करने की दिशा में काम कर रही है।

‘एक हैं तो सेफ हैं’, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘वोट धर्मयुद्ध’ के नारों के बाद महाराष्ट्र के चुनाव में ध्रुवीकरण की तस्वीर बनने लगी थी। इसी तरह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मलकापुर विधानसभा सीट पर आयोजित एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह मुसलमानों को आरक्षण देने की साजिश रच रही है। इस विधानसभा सीट पर 20% मुस्लिम आबादी है। 2019 में यहां से कांग्रेस 10 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीती थी लेकिन इस बार बीजेपी ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से इस सीट को जीत लिया।
हिंदुत्ववादी उम्मीदवारों को दिया टिकट
मुस्लिम समुदाय की ज्यादा आबादी वाली सीटों पर बीजेपी की जीत का आंकड़ा बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह ध्रुवीकरण के अलावा उम्मीदवारों का चयन भी है। बीजेपी ने ऐसी अधिकतर सीटों पर हिंदुत्व की राजनीति करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया जिसमें मलकापुर से चैनसुख संकेती और धुले शहर से अनूप अग्रवाल शामिल हैं।
बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान इस तरह के नैरेटिव को गढ़ने में कामयाबी हासिल की कि उसे और महायुति में शामिल दलों के उम्मीदवारों को हराने के लिए मुस्लिम संगठन महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में शामिल दलों का साथ दे रहे हैं और उसके पास ऐसा कहने के लिए पर्याप्त सबूत भी थे।
बीजेपी के नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि मुस्लिम समुदाय के मौलवियों ने बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील की है। बीजेपी के नेताओं ने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मौलवियों की ओर से की गई अपील को एक फतवे के रूप में लोगों के सामने रखा।

सज्जाद नोमानी ने की थी MVA का समर्थन करने की अपील
याद दिलाना होगा कि विधानसभा चुनाव के दौरान मौलाना रहमान सज्जाद नोमानी ने धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने के लिए MVA गठबंधन का समर्थन करने की बात कही थी और यह भी कहा था कि बीजेपी का मुकाबला करने के लिए हमें एकजुट होना चाहिए। चुनाव प्रचार के दौरान ही औरंगाबाद के ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने शिक्षा और नौकरियों में मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण और आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग उठाई थी। इन सब बातों को बीजेपी ने चुनाव में मुद्दा बनाया और हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण हुआ और इससे बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को फायदा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी जनसभाओं में कहा था कि कांग्रेस हिंदुओं को जातियों में तोड़ना चाहती है और वह एससी, एसटी और ओबीसी की एकता को नहीं बनने देना चाहती। चुनाव नतीजों के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी मुख्यालय आए थे तो वहां भी उन्होंने कहा कि ‘एक हैं तो सेफ हैं’ अब देश का महामंत्र बन चुका है। इसी तरह फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में एक विशेष समुदाय के ध्रुवीकरण की कोशिश की गई।
महाराष्ट्र में बीजेपी और महायुति की बड़ी जीत के बाद अब सवाल मुख्यमंत्री चुनने का है। जानिए कौन है रेस में आगे। पढ़िए खबर।