Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में इस साल के आखिर में विधासभा चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर सियासी दलों ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। एमवीए में सीट बंटवारे पर भी करीब-करीब बात बनती हुई नजर आ रही है। मुंबई की 36 विधानसभा सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर करीब-करीब सहमति बनती हुई दिख रही है। प्रस्तावित फॉर्मूले में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 15, कांग्रेस को 14 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SCP) और बाकी साथियों को सात सीटें आवंटित की गई हैं।

यह पूरा का पूरा बंटवारा लोकसभा इलेक्शन के रिजल्ट पर ही रखा गया है। इसमें एमवीए ने मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में से चार पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, इन लोकसभा सीटों से संबंधित छह विधानसभा क्षेत्रों में से जीतने वाली पार्टी तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं अब बची हुई तीन सीटों की बात करें इस पर बंटवारे के लिए यह फॉर्मूला अपनाया गया है। इसमें से दो सीटें एमवीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को और एक तीसरी सहयोगी पार्टी को मिलेंगी।

एमवीए कौन-सा फॉर्मूला अपनाएगा

भारतीय जनता पार्टी ने जिन दो सीटों पर जीत दर्ज की है। उन पर एमवीए सेम डिस्ट्रीब्यूशन फॉर्मूल अपनाएगा। इसमें दूसरे सबसे ज्यादा वोट पाने वाली पार्टी को सीटों का बड़ा हिस्सा मिलेगा। एमवीए के एक नेता ने कहा कि हमने जो लोकसभा की सीटें जीती हैं। उनके लिए हम 3-2-1 के फॉर्मूले को अपनाएंगे। जीतने वाली पार्टी को 3 या 4 सीटें मिलेंगी और बाकी सीटें ताकत के आधार पर दी जाएंगी। इस फॉर्मूले को तीनों पार्टियों के नेताओं ने मंजूरी दे दी है।

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2019 के इलेक्शन में किसे कितनी सीटें मिलीं

नेता ने कहा कि शिवसेना एमवीए के अंदर मुंबई में सबसे ज्यादा संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उसके पास सबसे ज्यादा विधायक हैं और संगठन भी काफी मजबूत है। हाल के लोकसभा इलेक्शन के आधार पर मुंबई शहर और उपनगरों में 36 विधानसभा सीटों में से 20 पर एमवीए आगे है। 2019 के विधानसभा इलक्शन में शिवसेना ने बीजेपी के साथ में मिलकर चुनाव लड़ा था। उसने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 14 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह केवल एक सीट पर ही सिमट कर रह गई। समाजवादी पार्टी ने मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट जीती। यह अब एमवीए का हिस्सा है।

ठाकरे ने राहुल और खड़गे से मुलाकात की

लोकसभा इलेक्शन के दौरान उद्धव ठाकरे की शिवसेना द्वारा कांग्रेस के विशाल पाटिल के लिए सांगली सीट छोड़ने से मना करने के बाद में एमवीए सीट बंटवारे में अड़चन पैदाएं हुईं। हालांकि, पाटिल ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीत भी गए। इस बार किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए एमवीए ने सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू की।

सीट बंटवारे पर सही से बातचीत आगे बढ़ सके इसके लिए ठाकरे ने दिल्ली का दौरा किया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के दूसरे नेताओं से मुलाकात की। तीनों पार्टियों के नेता अपने कार्यकर्ताओं को बार-बार यह मैसेज दे रहे हैं कि सीट बंटवारे को लेकर चिंता ना करें और जीत की संभावना ही सभी के लिए एक है। सभी नेता इस बात को दोहरा रहे हैं कि टिकट चाहे किसी भी पार्टी को मिले, बाकी दो को यह तय करने के लिए काम करना होगा कि एमवीए सत्ता में आए।