मध्य प्रदेश में बुधवार (24 जुलाई, 2019) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। भगवा पार्टी के दो विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पक्ष में वोट दिया। दरअसल, सदन में दंड विधि संशोधन पर वोटिंग हो रही थी, उसी दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 231 सीटों वाली विस में विधेयक के पक्ष में कुल 122 वोट पड़े। बिल के पक्ष में वोट डालने वाले बीजेपी विधायकों में नारायण त्रिपाठी (मैहर से) और शरद कोल (ब्यौहारी से) शामिल हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, त्रिपाठी और कौल को कांग्रेस ने गुप्त जगह भेज दिया है और इस बारे में किसी को बताया नहीं है। ये दोनों नेता सीएम कमलनाथ के साथ आज रात्रिभोज के दौरान मिलेंगे।

इसी बीच, सीएम कमलनाथ ने कहा था- हर दिन बीजेपी कहती है कि हमारे (कांग्रेस) पास बहुमत नहीं है और यह सरकार किसी भी दिन गिर सकती है। आज सदन में वोटिंग (दंड विधि संशोधन पर) के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने हमारे पक्ष में वोट डाला।

ऐसा तब हुआ है, जब कई बीजेपी नेता पूरे आत्मविश्वास के साथ दावा कर रहे थे कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है और वे (बीजेपी वाले) उसे 24 घंटे के भीतर गिरा सकते हैं। सुबह भी इसी प्रकार का दावा किया गया था।

सूबे में पार्टी नेता गोपाल भार्गव ने कहा था कि म.प्र में सियासी हालात कर्नाटक से भी खराब हैं। हमारे नंबर-1 और नंबर-2 के सिर्फ एक सिग्नल पर कमलनाथ सरकार 24 घंटों के भीतर गिर सकती है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी के इस दावे से उलट ताजा घटना उसके लिए किसी करारे तमाचे से कम नहीं है।

इससे पहले, पूर्व सीएम और म.प्र बीजेपी के दिग्जज नेता शिवराज सिंह चौहान ने सूबे में सरकार हमारी वजह से नहीं गिरेगी, बल्कि कांग्रेसी नेता ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे। कांग्रेस में आंतरिक मतभेद है और वह बसपा-सपा के समर्थन से सरकार चला रही है। अगर कुछ भी होता है, तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं।