मध्यप्रदेश से राज्यसभा के तीन सदस्यों का कार्यकाल इस साल 9 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा में राज्यसभा में इन सीटों के लिए कई नेताओं के बीच मुकाबला होगा। राज्यसभा के लिए अचानक प्रियंका गांधी को भेजे की मांग के बाद एक सीट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मुकाबला होने की संभावना है।
वहीं भाजपा की तरफ से भी नेताओं के नाम पर माथापच्ची जारी है। इन सीटों के लिए कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह जबकि भाजपा की तरफ से प्रभात झा और सत्यनारायण जाटिया के नाम सामने आ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और लोक निर्माण विभाग मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बीच भी मुकाबला है। सज्जन सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी माना जाता है।
16 साल में यह पहली बार होगा कि जब राज्यसभा के लिए चुनाव के दौरान भाजपा विपक्ष में होगी। मौजूदा गणित के हिसाब से कांग्रेस के खाते में दो और भाजपा के खाते में एक सीट जाने की संभावना है। जीतने के लिए फर्स्ट प्रिफरेंस के 58 वोट की जरूरत होगी। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में दो विधायकों के निधन के बाद उनकी जगह रिक्त है।
कांग्रेस के पास वर्तमान में 114 जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। कमलनाथ सरकार को चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का भी समर्थन हासिल है।