Madhya Pradesh KamalNath Government: मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट मंडरा रहा है। संकट से उबरने के लिए कमलनाथ मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्मूला ला सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि शनिवार (7 मार्च) को कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। इस विस्तार में अधिक से अधिक बागियों को जगह दी जा सकती है। मौजूदा हालात के मद्देनजर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पूरी कमान अपने हाथ में ले ली है। मुख्यमंत्री निवास रणनीति का केंद्र बन गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल दोनों को मदद कर रहे हैं।
कांग्रेस के मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्मूला भाजपा की तुलना में आसान है। वजह ये है कि कांग्रेस अभी सत्ता में है और भाजपा की तुलना में उसके पास विधायकों की संख्या ज्यादा है। कांग्रेस का पहला काम अपने विधायकों के बीच विश्वास बनाए रखना है। दूसरी रणनीति भाजपा विधायकों के बीच फूट डालने की है।
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वियज सिंह ने गुरुवार को शिवराज सिंह चौहान सहित कुछ अन्य भाजपा नेताओं का नाम लेकर उनपर मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया। वहीं भाजपा ने तमाम आरोपों को निराधार बताया है।
मध्यप्रदेश में मंगलवार रात से शुरु हुए हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामे में कांग्रेस ने दावा किया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश के तहत भाजपा ने प्रदेश के आठ विधायकों को हरियाणा के एक होटल में रखा। गुरुवार सुबह कांग्रेस ने नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि सरकार गिराने के लिए ‘‘भाजपा ने 14 विधायकों का अपहरण’’ किया है।
इस बीच मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा सदस्यता से कथित तौर पर इस्तीफा दे दिया है जिसकी प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि उन्हें डंग के इस्तीफे की खबर पता चली है लेकिन इस संबंध में उन्हें कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है। (भाषा इनपुट के साथ)