Madhya Pradesh KamalNath Government: क्या मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार खतरे में है? यह सवाल सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है। वजह ये है कि मध्य प्रदेश के चार कांग्रेसी विधायकों और चार निर्दलीय विधायकों ने गुरुग्राम के एक होटल में डेरा डाल रखा है। ये वही चार निर्दलीय विधायक हैं, जिन्होंने कमलनाथ की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान एवं नरोत्तम मिश्र कमलनाथ कांग्रेस नीत सरकार को गिराने के लिए पार्टी विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपये की पेशकश कर रहे हैं। हालांकि सीएम कमलनाथ ने दावा किया है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है और इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने आरोप लगाया कि “हमारे एक विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने हमें फोन किया और बताया कि उन्हें गुरुग्राम के आईटीसी मराठा होटल में जबरदस्ती रखा गया है और बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। हमारे दो मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी एक विधायक का फोन आने के बाद आठ विधायकों से मिलने के लिए गुरुग्राम में संबंधित होटल में गए थे लेकिन उन्हें होटल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। चूंकि हरियाणा में बीजेपी की सरकार है, इसलिए वहां की पुलिस और मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा हमारे दो मंत्रियों को विधायकों से मिलने के लिए होटल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।”

पिछले साल जुलाई में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने राज्य विधानसभा में कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा था था कि ऊपर से एक आदेश मिलेगा और तुम्हारी सरकार नहीं बचेगी। उन्होंने कहा था, “हमारे ऊपर वाले नंबर 1 या नंबर 2 का आदेश हुआ तो 24 घंटे भी आपकी सरकार नहीं चलेगी।” बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास 114 और बीजेपी 107 सीटें हैं। शेष नौ सीटों में से दो बसपा के पास हैं जबकि सपा के पास मप्र विधानसभा में एक विधायक है। विधानसभा में चार निर्दलीय उम्मीदवार हैं।