अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा मोहम्मद अली जिन्ना पर दिये बयान के चलते सुर्खियों में हैं। दरअसल उन्होंने आजादी के दौरान 1947 में हुए देश को बंटवारे को लेकर कहा कि जिन्ना ने बंटवारा कर देश का भला किया। सज्जन वर्मा ने कहा कि जिन्ना और नेहरू को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने अक्ल से देश के दो टुकड़े किये।

बता दें कि मालवा में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने पहुंचे सज्जन वर्मा ने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस हिंदू मुसलमान का खेल खेल रही है। कांग्रेस ने जो विकास किया उसे बीजेपी बेच रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अखंड भारत की बात करते हैं लेकिन अगर पड़ोसी देशों के मुसलमान भारत में आ गये तो और लोगों को रहने की जगह नहीं मिलेगी।

सज्जन वर्मा ने कहा कि अखण्ड भारत का मतलब पाकिस्तान, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका को एक करना। ऐसे में बांग्लादेश, पाकिस्तान, इंडोनेशिया के मुसलमान अगर भारत में आ गये तो मोदी जी, भागवत जी आपको खड़े रहने की जगह नहीं मिलेगी।

उन्होंने कहा, “देश को नेहरू और जिन्ना को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने अक्ल से देश के दो टुकड़े कर दिये। जिसकी वजह से जिन मुसलमानों को पाकिस्तान में रहना था, वो वहां गये और जिन हिंदुओं को भारत में रहना था, वो यहां चले आये।”

बता दें कि पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा पहली बार जिन्ना को लेकर नहीं बोले हैं। इससे पहले उन्होंने हाल ही में जिन्ना को साहब कर संबोधित किया था। दरअसल कांग्रेस नेता महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने मंदसौर पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में जिन्ना का भी हाथ था। सज्जन वर्मा यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि देश को हमारे पुरखों ने आजादी दिलाई। महात्मा गांधी, नेहरूजी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाषचंद्र, आजाद और जिन्ना साहब और यह पट्‌ठा आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।

कांग्रेस नेता के बयान पर भाजपा का पलटवार: सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, “इसका मतलब कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है कि हिंदुस्तान के विभाजन के दोषी नेहरू और जिन्ना थे। हम तो कहते आए हैं कि नेहरू और जिन्ना ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए देश के दो टुकड़े करवा दिए।”

उन्होंने कहा कि जिन्ना राष्ट्रपति और नेहरू प्रधानमंत्री बनना चाहते थे इसलिए उन्होंने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया। अब सवाल ये है कि कांग्रेस का नेतृत्व चुप क्यों है? वो इस बात का खंडन करें नहीं तो ये बात स्वीकार हो जाएगी कि नेहरू ही देश के बंटवारे के दोषी थे।