लखनऊ का लुलु मॉल विवादों में घिरता जा रहा है। बता दें कि हाल ही में खुले इस मॉल में नमाज़ पढ़े जाने का एक वीडियो सामने आया था। जिसको लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस मॉल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। वहीं महासभा के नेताओं का कहना है कि अगर शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होती है तो फिर वे मॉल के अंदर सुंदरकांड भी पढ़ेंगे।

लुलु मॉल से जुड़े विवाद के बीच मॉल के जीएम हायपर मार्केट नोमान खान ने अपना पक्ष रखा है। दरअसल आरोप है कि इस मॉल में ज्यादातर मुस्लिम कर्मचारियों को रखा गया है। इसपर नोमान खान ने कहा कि यह आरोप निराधार है। हमारे यहां किसी भी वर्ग की विशेष तौर पर भर्ती नहीं हुई है। हमने दो वॉक इन इंटरव्यू रखा हुआ था। इसको लेकर अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग अखबारों में विज्ञापन दिया गया था। उसी के हिसाब से कर्मचारी रखे जा रहे हैं। इसमें अलग-अलग तरह के वर्गों से लोगों को चुना गया है।

नोमान खान ने कहा कि पहले इंटरव्यू में लगभग दो हजार लोग आए, और दूसरे इंटरव्यू में 22 सौ बच्चे आए थे। उन्होंने कहा कि मॉल में जो आउटलेट्स दिए गए हैं, उनमें ब्रांडेड कंपनी है। इसमें किसी वर्ग विशेष को खास मौका नहीं दिया गया है। यह आरोप गलत है कि हम आउटलेट्स हिंदू या मुस्लिम को देते हैं।

वहीं लुलु मॉल के जीएम समीर वर्मा का कहना है कि हम किसी भी धार्मिक आयोजन के लिए यहां पर परमिशन नहीं देते हैं। लुलु मॉल सभी धर्मों का आदर करता है।

गौरतलब है कि इस मामले में मॉल प्रबंधन ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मॉल में नमाज पढ़ने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जिसमें पुलिस ने धारा 153A, 295A, 341 समेत कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। लखनऊ में सार्वजनिक स्थलों पर पूजा-पाठ या नमाज अदा करने पर धारा 144 के तहत पाबंदी है।