Ajmer News: अजमेर दरगाह से जुड़ा विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। इस मसले पर ताजुद्दीन ट्रस्ट, नागपुर के चेयरमैन प्यारे खान ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि हर जगह मस्जिद में, दरगाह में मंदिर खोजना सही नहीं है। इससे देश का विकास रुकता है। इस बात को RSS चीफ ने भी कड़क लहजे में कहा है।
प्यारे खान ने कहा ने कहा, “हर मस्जिद और दरगाह में मंदिर तलाशना ठीक नहीं है। इससे हमारे देश का विकास प्रभावित होता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कड़े शब्दों में कहा कि हर जगह मंदिर तलाशना ठीक नहीं है… कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए कोर्ट पहुंच रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ” मैं सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश करता हूं कि ऐसी घटनाओं का संज्ञान लें और ऐसे मामलों को कोर्ट में आने से रोकें। अजमेर शरीफ दरगाह का इतिहास 800 साल से भी पुराना है… दरगाह एक ऐसी जगह है जहां सभी धर्मों के लोग आते हैं। अजमेर शरीफ दरगाह भारत का गौरव है और इसके खिलाफ इस तरह के दावे उचित नहीं हैं। देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद मुझे दिल्ली बुलाया था और हमारे हाथ से चादर भेजी थी। यह बहुत बड़ी बात है देश के लिए।”
राजस्थान के शिक्षा मंत्री बोले – बाबर और औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाईं
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को कहा कि मुगल शासक बाबर और औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनवाई थीं। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट खुदाई का आदेश देती है तो खुदाई में मिलने वाले अवशेषों के आधार पर फैसला होगा।
दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए एक केस अजमेर की स्थानीय कोर्ट में दायर किया गया था। कोर्ट ने बुधवार को केस को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया और अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और ASI दिल्ली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इस बारे में सवाल पूछे जाने पर मदन दिलावर ने कोटा में मीडिया से बातचीत कहा, “मुझे कुछ नहीं कहना कोर्ट निर्णय करेगा।” उन्होंने कहा कि यह तो सच है कि ज्यादातर मंदिरों को तोड़कर औरंगजेब ने, बाबर ने… इन्होंने मस्जिदें बनाई थीं। जांच होगी, जांच में अगर कोर्ट आदेश देती है कि खुदाई करो, तो खुदाई करने पर जो इसके अवशेष मिलेंगे उससे निर्णय हो जाएगा।