P Chidambaram: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने आरोप लगाया कि अब तक बेचे गए 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड का बड़ा हिस्सा कॉरपोरेट्स द्वारा गुमनाम रूप से भाजपा को दान कर दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कॉर्पोरेट दान कई “एहसानों” के लिए सरकार को धन्यवाद देने का एक तरीका है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि कॉरपोरेट्स ‘गैर-पारदर्शी इलेक्टोरल बॉन्ड मैकेनिज्म’ के जरिए चंदा देने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं।
चिदंबरम ने सोमवार रात एक के बाद एक कई ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड बेचे गए हैं। बड़ी मात्रा में कॉरपोरेट्स द्वारा खरीदा गया है और भाजपा को गुमनाम तरीके से दान की गई। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा नहीं देते क्योंकि उन्हें लोकतंत्र से प्यार है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, “कार्पोरेट चंदा सरकार को पिछले वर्षों में मिले ढेरों एहसानों के लिए धन्यवाद व्यक्त करने का तरीका है।”उन्होंने कहा, “यह एक साफ-सुथरी व्यवस्था है। एहसान चुपचाप किया जाता है। पुरस्कार गुप्त रूप से प्राप्त होते हैं। हमारा गुमनाम लोकतंत्र अमर रहे।”
कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि अब तो ये पता ही नहीं चल पा रहा है कि कौन किसको कैसे चंदा दे रहा है। ये ट्रेंड लोकतंत्र को नष्ट कर रहा है। पता ही नहीं चल रहा है कि पार्टियों को चंदा देने के लिए बनाए गए अनुच्छेद 324 पर इन अनियमितताओं का क्या कितना और कैसा असर पड़ रहा है?
इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर क्या कहता है चुनाव आयोग का आंकड़ा
चुनाव आयोग के आंकड़ों से यह पता चला है कि मार्च 2018 और 2022 के बीच खरीदे गए सभी इलेक्टोरल बॉन्ड्स में से आधे से अधिक भाजपा को प्राप्त हुए। इलेक्टोरल बॉन्ड्स कंपनियों को गुमनाम रूप से राजनीतिक दलों को असीमित मात्रा में धन दान करने में मदद करता है।
राजनीतिक दलों के खुलासों के मुताबिक, बीजेपी को कुल 9,208 करोड़ रुपये में से 5,270 करोड़ रुपये या 2022 तक बेचे गए कुल चुनावी बॉन्ड का 57 प्रतिशत प्राप्त हुआ। मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी दूसरे स्थान पर रही, जिसे इसी अवधि में 964 करोड़ रुपये या 10 प्रतिशत प्राप्त हुए, जबकि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को 767 करोड़ रुपये या सभी चुनावी बॉन्ड का 8 प्रतिशत प्राप्त हुआ।