संसद के जारी शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान तेलुगू देशम पार्टी के वरिष्ठ सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी ने सदन में उन्हें आवंटित सीट पर निराशा जताई। रेड्डी का कहना है वे पांचवीं बार सांसद हैं और उन्हें आठवीं पंक्ति की सीट मिली है जबकि पिछली लोकसभा में उन्हें दूसरी पंक्ति में बैठाया गया था।

इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए स्पीकर ओम बिड़ला ने रेड्डी से कहा कि वे अपनी शिकायतें बाद के लिए टाल दें। बिड़ला ने कहा, “कोई भी सदस्य सदन में संसद की कार्य व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाएगा अगर आपको कोई समस्या या चिंता है तो कृपया सदन या संसदीय कार्य मंत्रालय में आएं। इस परंपरा का पालन किया जाना चाहिए।”

रेड्डी की तरह कई वरिष्ठ सांसद लोकसभा में नई सीटिंग व्यवस्था से नाखुश हैं। हालांकि, उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी बात नहीं रखी। कई कांग्रेस सांसदों ने कहा कि आगे की पंक्तियों में बैठने की व्यवस्था में कोई तर्क नहीं है, वहीं इंडिया गठबंधन में उसके सहयोगी दल ‘आठवें ब्लॉक’ से उन्हें दूर रखने में कांग्रेस नेतृत्व का हाथ मानते हैं जो स्पीकर के चैंबर के बाईं ओर पहला ब्लॉक है।

राहुल गांधी की सीट आठवें ब्लॉक में है

विपक्ष के नेता राहुल गांधी की सीट आठवें ब्लॉक में है (सबसे बाईं ओर, प्रधानमंत्री और ट्रेजरी बेंच पर वरिष्ठ मंत्रियों के सामने जो पहले ब्लॉक में बैठे हैं), उनके साथ कांग्रेस महासचिव और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल, डीएमके नेता टीआर बालू हैं। इस ब्लॉक की दूसरी पंक्ति में, एकमात्र गैर-कांग्रेसी सांसद डीएमके के ए राजा हैं। नवनिर्वाचित वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को उसी ब्लॉक में चौथी पंक्ति की सीट आवंटित की गई है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और कांग्रेस के मुख्य सचेतक सुरेश कोडिकुन्निल अगले ब्लॉक की अग्रिम पंक्ति में हैं।

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इस वजह से है सांसदों में सीट आवंटन को लेकर नाराजगी

सीट आवंटन को लेकर नाराजगी का मुख्य कारण सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण के लिए कैमरों का फोकस है । सत्ता पक्ष की बेंचों के अलावा, कैमरे मुख्य रूप से आठवें ब्लॉक पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जहां विपक्ष के नेता बैठते हैं। कई सांसदों का कहना है कि लाइव प्रसारण में दिखना उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में उनके कद के लिए महत्वपूर्ण है।

नई सीटों के आवंटन से पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद और डिंपल यादव भी आठवें ब्लॉक में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ पहली और दूसरी पंक्ति में सीटें लेते थे। नई व्यवस्था में अखिलेश यादव को छठे ब्लॉक की पहली पंक्ति में कांग्रेस नेताओं से दूर एक सीट आवंटित की गई है। तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय भी छठे ब्लॉक की पहली पंक्ति में हैं।

लोकसभा में सीटों के बदलाव के लिए कांग्रेस को दोषी मानती हैं सहयोगी पार्टियां

कांग्रेस सूत्रों ने माना कि सपा भी सीटों के बदलाव के लिए पार्टी को दोषी मानती है। मंगलवार सुबह लोकसभा में मौजूद एक सांसद के अनुसार, सदन में प्रवेश करते ही अखिलेश ने कहा, “धन्यवाद, कांग्रेस।” कांग्रेस के वेणुगोपाल अखिलेश की सीट पर जाकर इशारा करते दिखे कि वे राहुल गांधी के पास बैठ सकते हैं लेकिन अखिलेश ने मना कर दिया।

स्पीकर के कार्यालय के सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा विपक्ष के लिए सीट आवंटन में कांग्रेस की राय अहम थी। सूत्र ने बताया, “हम विपक्ष के लिए ब्लॉक आवंटित करते हैं। विपक्ष के नेता और पार्टी सीट आवंटन के लिए सुझाव देते हैं।”

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इंडिया गठबंधन के नेताओं का मानना कांग्रेस सत्ता का बंटवारा नहीं करना चाहती

इंडिया गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता जो पिछली लोकसभा में राहुल गांधी के पीछे वाली पंक्ति में बैठते थे, उन्होंने बताया कि पहले की व्यवस्था में विपक्षी नेताओं को मिलाया जाता था और बैठने के लिए ब्लॉक साझा किए जाते थे। अब कांग्रेस ने अपने सहयोगी नेताओं को प्राइम ब्लॉक में कुछ ही सीटें दी हैं और ज़्यादातर सीटें अपने पास रखी हैं। एक सहयोगी पार्टी के नेता ने कहा, “यह गठबंधन के साथ ठीक नहीं है जबकि कांग्रेस चाहती है कि हर छोटी पार्टी उनके साथ सहयोग करे, वे सत्ता का कोई बंटवारा नहीं करना चाहते हैं।”

कांग्रेस के नेता भी सीटों की इस व्यवस्था से खुश नहीं दिखे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनीष तिवारी अब चौथी पंक्ति में हैं जबकि एक अन्य वरिष्ठ सांसद शशि थरूर को तीसरी पंक्ति में सीट दी गई है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा कि जिस तरह से सीटें आवंटित की गई हैं उसमें मुझे कोई तर्क नहीं दिखता।

टीडीपी ने उठाई पार्टी को आवंटित सीटों में बदलाव की मांग

एक सांसद ने कहा, “सदन में आपकी सीट आपके अनुभव से अर्जित सम्मान, आदर और कद के बारे में बहुत कुछ कहती है। जब इन बातों को नहीं गिना जाता है तो इससे ईगो को भी ठेस पहुंचती है।”

माना जा रहा है कि टीडीपी ने केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्रालय और स्पीकर से संपर्क कर पार्टी को आवंटित सीटों में बदलाव की मांग की है। टीडीपी के लोकसभा नेता लावू श्री कृष्ण देवरायलु कथित तौर पर इस बात से नाखुश हैं कि उन्हें वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के मिथुन रेड्डी के पास बैठाया गया है। टीडीपी के अन्य सांसद भी वाईएसआरसीपी के सांसदों के साथ बैठने से खुश नहीं हैं। पढ़ें- आज संभल जाएंगे राहुल गांधी