भारत की संसद से जुड़ी सुरक्षा को लेकर काफी सख्ती बरती जाती है। कई स्टेप्स के चेक-पॉइंट्स के बाद संसद के अंदर प्रवेश होता है। किसी सांसद की सिफ़ारिश या स्पेशल इनवाइट के बिना आप संसद परिसर तक नहीं पहुंच सकते। लेकिन पिछले साल 13 दिसंबर को कुछ ऐसा हुआ कि हर कोई स्तब्ध रह गया। दो लोग संसद की कार्यवाही के दौरान नारे लगाते हुए स्पीकर की तरफ बढ़ने लगे तब ही कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।
खैर, एक बार फिर यह याद दिलाने की वजह सुरक्षा में हुए ताजा अपग्रेड से जुड़ी है। सरकार ने संसद सुरक्षा में अब 250 से ज्यादा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) जवानों को संसद भवन तैनात करने का फैसला लिया है।
चाक-चौबंद सुरक्षा
जानकारी के मुताबिक CISF जवानों की तैनाती के अलावा 12 इंस्पेक्टर, 45 सब-इंस्पेक्टर, 30 सहायक सब-इंस्पेक्टर, 35 हेड कांस्टेबल और 85 कांस्टेबल भी संसद की सुरक्षा में शामिल होंगे। जनवरी में संसद में 140 CISF जवानों को तैनात किया गया था। तब से सुरक्षा पर खास तौर पर ध्यान रखा गया है और चेक-पोस्ट्स पर खासतौर से सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिसंबर 2023 हुई घटना के बाद सुरक्षा को लेकर काफी सवाल उठाए गए थे। जो दो लोग संसद के भीतर गए थे उन्हें मैसूर सीट से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने एंट्री पास दिए थे।
इस बार बीजेपी ने प्रताप सिम्हा को टिकट नहीं दिया है और उनकी जगह मैसूरु शाही वंशज यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा को मैदान में उतारा गया है।
संसद की सुरक्षा से जुड़े मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो घुसपैठिए सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शामिल हैं। इस घटना के बाद 13 दिसंबर 2001 के उस आतंकवादी हमले को भी याद किया गया जब देश की संसद पर हमला हुआ था और संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे।