इंडिया अलायंस की चौथी बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम पद का दावेदार बनाने की खबरें सामने आई थीं। खड़गे को पीएम फेस घोषित करने के प्रस्ताव पर गठबंधन में तकरार छिड़ी है। बिहार सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों की बीच अब NCP सुप्रीमो शरद पवार के भी खफा होने की जानकारी सामने आई है। शरद पवार ने अपनी नाराजगी को इशारों में जाहिर करते हुए कहा कि 1977 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम फेस घोषित नहीं किया गया था।

शरद पवार ने कहा, “चुनाव के बाद विपक्ष की तरफ से मोराराजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया था। उस समय भी कहा गया था कि अगर कोई चेहरा सामने नहीं लाएंगे तो नतीजे भी पक्ष में नहीं होंगे।अगर लोग बदलाव के मूड में हैं तो वे जरूर बदलाव लाने के लिए फैसला करेंगे।”

कांग्रेस अध्यक्ष को पीएम फेस बनाए जाने की चर्चा

हाल ही में दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक हुई थी।इस बैठक में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले और पीएम फेस घोषित किए जाने पर चर्चा हुई। इस दौरान टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने इंडिया ब्लॉक की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम फेस घोषित करने का प्रस्ताव रखा। इसका AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत 12 पार्टियों ने समर्थन किया।

ममता बनर्जी ने कहा कि गठबंधन का चेहरा अगर कोई दलित हो तो चुनाव काफी रोचक हो सकते हैं। हालांकि, खड़गे ने उसी समय प्रस्ताव खारिज कर दिया और राहुल-सोनिया की ओर इशारा कर दिया। उनके कहने का तात्पर्य यह था कि पीएम फेस को लेकर सोनिया-राहुल ही निर्णय करेंगे। INDIA गठबंधन में शामिल 28 पार्टियों में से बाकी दलों के नेताओं ने भी तत्काल इस बात पर अपनी सहमति नहीं दी, ऐसे में यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका।

इन नेताओं को है नाराजगी

मल्लिकार्जुन खड़गे को इंडिया गठबंधन का पीएम फेस बनाए जाने की खबरों के बीच नीतीश कुमार की नाराजगी की चर्चा थी। हालांकि, सोमवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के दौरान उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में कोई दरार नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पीएम पद की रेस में नहीं हूं और न ही नाराज हूं। इस तरह की बातें बिल्कुल बेकार हैं। गठबंधन की बैठक अच्छी तरह से हुई है और हमने कहा है कि जिसको भी दावेदार बनाना है जल्दी बनाइए। हम अपने स्तर पर पूरा सहयोग करेंगे, बस चाहते हैं कि जो कुछ भी हो वह समय से हो हो जाए ताकि तैयारी हो सके। हमने कभी भी खुद को पीएम पद का दावेदार बनाने की मांग नहीं की है।

मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम बतौर पीएम उम्मीदवार के रूप में आगे बढ़ाए जाने के पीछे तीन बड़े कारण हैं जो उन्हें इस रेस का विनर बना सकती हैं।दक्षिण राज्य में अच्छी पकड़। खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस ने कर्नाटक के बाद तेलंगाना में भी अपनी शानदार जीत दर्ज की और बीजेपी को सत्ता से दूर रखा।

इन वजहों से रेस में आगे हैं मल्लिकार्जुन खड़गे

80 वर्षीय खड़गे अनुभव के साथ-साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सभी दलों को साधने की भी काबिलियत रखते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे एक जिताऊ नेता भी हैं। उन्होंने 10 चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी एक अलह पहचान बनाई है। गांधी परिवार से निकटता के चलते भी खड़गे इस रेस में आगे निकल सकते हैं। कांग्रेस पर लगातार परिवारवाद के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपना काम बखूबी निभा रहे मल्लिकार्जुन खड़गे इस रेस में प्रबल दावेदार बन सकते हैं।

रेस में खड़गे के नाम पर मिल रहे अन्य दलों के समर्थन से नीतीश कुमार, शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे नाम इस रेस से अपने आप किनारे हो गए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे देश के बड़े दलित नेताओं में से एक हैं।लिहाजा दलित नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे एक बेहतर विकल्प हैं। इन वोटों को बंटोरने में भी कांग्रेस समेत विपक्ष को कामयाबी मिल सकती है।