Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को होगी और चार जून को नतीजे सामने आ जाएंगे। इसके पहले अमेरिकी टेक कंपनी OpenAI ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भारत के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी। इस रिपोर्ट में सामने आया कि एक इजरायली फर्म ने भारत में चुनावों को प्रभावित करने के प्रयास किए।

दावा है कि इजरायली फर्म ने बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में नेरेटिव बनाने की कोशिश की। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कैसे लोकसभा चुनावों के दौरान भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के खिलाफ कॉमेंट्स की बाढ़ लाई गई, जिसके जरिए बीजेपी के खिलाफ जनता में आक्रोश दिखे।

कई तरीकों से किया चुनावों को प्रभावित

ओपनएआई द्वारा जारी रिपोर्ट में उन कैंपेन का जिक्र है, जिनमें एआई का उपयोग सीक्रेट कैंपेन के लिए हुआ था। उन कैंपेन का उपयोग जनता की राय में हेरफेर करने या राजनीतिक नतीजों को प्रभावित करने के लिए किया गया था। Open AI रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इजरायली कंपनियों ने कई तरीकों से चुनाव को प्रभावित करने के प्रयास किए हैं।

इस रिपोर्ट में सामने आया कि इजरायल से संचालित अकाउंट्स के एक ग्रुप का उपयोग गुप्त कैंपेन के लिए कंटेंट बनाने और एडिटिंग करने के लिए किया गया था. यह कंटेंट एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वेबसाइट और यूट्यूब पर शेयर किया गया थी। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मई की शुरुआत में इस नेटवर्क ने अंग्रेजी भाषा के कंटेंट के साथ भारत में दर्शकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

केंद्र सरकार ने बताया लोकतंत्र के लिए खतरनाक

OpenAI की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि बीजेपी कुछ भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा और/या उनकी ओर से फैलाई जा रही गलत सूचना और विदेशी हस्तक्षेप का निशाना थी और है। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक खतरा बताया है।

इजरायली कंपनी STOIC ने AI की मदद से काल्पनिक यूजर और उनके सोशल मीडिया बायो बनाए। इन काल्पनिक व्यक्तियों के सोशल मीडिया हैंडल से अलग-अलग तरह की पोस्ट की गईं। इसके बाद कई फर्जी अकाउंट भी बनाए गए। इन फर्जी अकाउंट के जरिए सोशल मीडिया पोस्ट पर कमेंट कराए गए ताकि संवाद यानी एंगेजमेंट वास्तविक लगे। OpenAI की रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी ने भाजपा के खिलाफ और विपक्ष के समर्थन में सामग्री प्रसारित करने की कोशिश की।