जनत दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार ने शुक्रवार को गांधी मैदान में लगातार तीसरी बार बिहार के मुख्‍यमंत्री के पद की शपथ ली। उनके साथ आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्‍वी और तेज प्रताप ने भी मंत्री पर पद की शपथ ली। बताया जा रहा है कि तेजस्‍वी नीतीश सरकार में डिप्‍टी सीएम का पद संभालेंगे। नीतीश और लालू के दोनों बेटों के बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। वह लालू यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार पार्टी में विरोध का भी सामना करना पड़ा।

पिछली सरकार बेहद अहम भूमिका में रहे जेडीयू नेता श्‍याम रजक मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। इसी वजह से वह शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए। हालांकि, जब उनसे पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें नीतीश कुमार के नेतृत्‍व पर पूरा भरोसा है। श्‍याम रजक पांचवीं बार विधायक चुनकर आए हैं और बिहार की राजनीति में अहम दलित चेहरा माने जाते हैं।

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ये नेता हुए कैबिनेट में शामिल

नीतीश कैबिनेट में जेडीयू नेता बिजेंद्र प्रसाद, जय कुमार सिंह, शैलेश कुमार, कुमारी मंजू वर्मा, कृष्णनंदन वर्मा को कैबिनेट में शामिल किया गया। जबकि, लालू यादव के दोनों बेटों के अलावा आरजेडी नेता आलोक मेहता, शिवचंद्र राम, रामविचार राय ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। कांग्रेस से अब्दुल जलील मस्तान और अवधेश सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।

इस मौके पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री फारुख अब्‍दुल्‍ला समेत कई हस्तियां मौजद थीं। मंच पर पहुंचते ही वह आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से गले मिले और हाथ हिलाकर समर्थकों  का अभिवादन किया। नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी को भी न्‍योता भेजा था, लेकिन वह नहीं आए। उन्‍होंने संसदीय कार्यमंत्री और वरष्ठि बीजेपी नेता वैंकया नायडू को कार्यक्रम में भेजा। नायडू मंच पर लालू यादव के साथ बैठे दिखाई दिए। नीतीश कुमार को शुभकामना देने के लिए दिल्‍ली की पूर्वी सीएम शीला दीक्षित भी पटना के गांधी मैदान पहुंचीं।

लालू के बड़े बेटे को दो बार लेनी पड़ी शपथ

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप शुक्रवार को जब पटना के गांधी मैदान में मंत्री पद की शपथ लेने पहुंचे तो थोड़े घबराए हुए दिखे। वह शपथ लेते हुए अपेक्षित की जगह उपेक्षित बोल गए। इस गलती की वजह से राज्‍यपाल रामनाथ गोविंद ने उन्‍हें फिर से पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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