मनीष सिसोदिया मामले में आज उनकी जमानत याचिका को लेकर हुई सुनवाई के दौरान जज ने पूछा कि क्या शराब घोटाले को लेकर जनता की तरफ से कोई शिकायत दर्ज कराई गई है। एडवोकेट ने जवाब में कहा कि लोगों को दारू सस्ती मिल रही थी, उन्हें और क्या चाहिए। उनकी इस बात पर कोर्ट में मौजूद सभी लोग मुस्कुराने लगे। जज ने सीबीआई के वकील से पूछा कि इस मामले में कितनी रिश्वत दी गई। उनका जवाब था कि वो मानकर चल रहे हैं कि शराब बिक्री का लाइसेंस हासिल करने के लिए साउथ ग्रुप ने दिल्ली सरकार को 100 करोड़ की रकम रिश्वत में दी गई।

सीबीआई के वकील का कहना था कि सिसोदिया सारे घोटाले के मास्टरमाइंड थे। ब्लेकलिस्टेड फर्म इंडोस्प्रिट को लाइसेंस दिया गया क्योंकि सिसोदिया उसको शामिल करने की पुरजोर वकालत कर रहे थे। उनकी लाबिंग के बाद इस फर्म को आखिरकार लाइसेंस दे दिया गया। उनका कहना था कि साउथ ग्रुप की सभी सिफारिशों को शब्दशः दिल्ली की सरकार ने माना था। जब पॉलिसी बन रही थी तब कोविड का पीक पीरियड था।

साउथ ग्रुप के लोग चार्टर्ड प्लेन में बैठकर दिल्ली आए थे। उनका कहना था कि 21 अप्रैल को दिल्ली के सभी मंत्रियों और अफसरों ने पॉलिसी पर दस्तखत किए थे। एक ही दिन में सभी ने साइन किए। उनका कहना था कि शुरू में दो चीजें सामने आई थीं। पहले कमीशन 5 फीसदी था और एलिजीबिलिटी क्राइटेरिया 100 करोड़। साउथ ग्रुप के साथ मीटिंग के बाद कमीशन 12 फीसदी हो गया और एलिजीबिलिटी क्राइटेरिया 500 करोड़।

दिल्ली के शराब घोटाले में साउथ ग्रुप का नाम तेलंगाना से जुड़े लोगों को दिया गया है। ईडी हैदराबाद के उद्योगपति अरुण रामचंद्र पिल्लै को गिरफ्तार कर चुकी है। बकौल ईडी पिल्लै साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये कविता और अन्य लोगों का शराब कारोबारी समूह है। इसने 2020-21 की दिल्ली आबकारी नीति (अब रद्द हो चुकी) के तहत राष्ट्रीय राजधानी के बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पाने के लिए आम आदमी पार्टी को करीब 100 करोड़ रुपये रिश्वत दी थी।

ईडी ने पिल्लै के रिमांड पत्र में यह आरोप भी लगाया कि वह मामले में कविता के बेनामी निवेश से जुड़े हैं। कविता से इस मामले में सीबीआई ने भी हैदराबाद स्थित उनके घर पर पूछताछ की थी। ईडी इस मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। उसने कविता के एकाउंटेंट बच्चीबाबू का बयान भी दर्ज किया है। बच्चीबाबू ने कहा कि कविता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बीच राजनीतिक सांठगांठ थी।